कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान में उच्च स्तरीय बैठक
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक और एक अन्य मंत्रिस्तरीय कमेटी की बैठक में ऐसी राजनयिक पहल और मीडिया अभियान के बारे में विचार किया गया। दोनों बैठकों की अध्यक्षता विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने की।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इन बैठकों में कश्मीर में लगातार खराब हो रही मानवाधिकारों की स्थिति, नियंत्रण रेखा पर भारत द्वारा संघर्षविराम के लगातार उल्लंघन और भारत के नागरिकता कानून पर विचार-विमर्श किया गया।’
पढ़ें : पाक की विदेश नीति में कश्मीर को बताया महत्वपूर्ण
विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक में कई पूर्व विदेश सचिवों और विदेश मामलों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इसमें कहा गया कि सरकार को कश्मीर के हालात के बारे में विश्व समुदाय को आगाह करने के लिए नए सिरे से राजनयिक प्रयास करने की जरूरत है। मंत्रिस्तरीय कमिटी की बैठक में कुरैशी के साथ कई संघीय मंत्री, प्रधानमंत्री के सुरक्षा मामलों के सलाहकार मोईद यूसुफ व कुछ अन्य मामलों के सलाहकार और विदेश सचिव सोहैल महमूद ने हिस्सा लिया। इसमें मुख्य रूप से इस बात पर विचार किया गया कि विदेश नीति के खास मुद्दों, जिसमें कश्मीर का मुद्दा प्रमुखता से शामिल है। कश्मीर पर पाकिस्तानी रुख को स्पष्ट करने के लिए मीडिया का सहारा किस रूप में लिया जा सकता है।
दुनिया के सामने भारतीय अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाएगा पाक
इस बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा, ‘सरकार कश्मीरियों की तकलीफों को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र समेत हर मंच से कश्मीरियों की आवाज उठाई जाएगी।’ उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कवरेज से कश्मीरियों की तकलीफों की तरफ दुनिया का ध्यान जाएगा। एक अन्य बयान में कुरैशी ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन से भारत स्पष्ट रूप से दो हिस्सों में बंट गया है। एक हिस्सा भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की तरफ है और एक हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व अजेंडे की तरफ। यह किसी एक धर्म या क्षेत्र तक नहीं है बल्कि पूरे भारत में फैल गया है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दुनिया से भारतीय अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाने की अपील की।
इनपुट: आईएएनएस
Source: International