नई दिल्ली : रविवार को विदेश दौरे से लौटने के बाद बुधवार तक 72 घंटों के दौरान ऐसा क्या हुआ जिससे इस्तीफा नहीं देने पर अड़े केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर को पद छोड़ देना पड़ा? सूत्रों के अनुसार बीजेपी और सरकार ने शुरू में एमजे अकबर पर लगे आरोपों को व्यक्तिगत मामला बताकर इस्तीफा के लिए दबाव नहीं बनाने का फैसला लिया था, लेकिन जिस तरीके से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर सरकार को इस प्रकरण के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था उसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने हस्तक्षेप करते हुए अकबर को इस्तीफा देने को कहा। बता दें कि साढ़े चार साल के मोदी सरकार के कार्यकाल में आरोपों की वजह से किसी मंत्री का यह पहला इस्तीफा है।
67 वर्षीय अकबर अंग्रेजी अखबार ‘एशियन एज’ के पूर्व संपादक हैं। सबसे पहले प्रिया रमानी ने उनके खिलाफ आरोप लगाया था और बाद में धीरे-धीरे और 19 महिला पत्रकार भी अपनी शिकायतों के साथ खुलकर सामने आ गई थीं। इन महिला पत्रकारों ने उनके साथ काम किया था। अकबर के खिलाफ खुलकर सामने आनेवाली पत्रकारों में फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पय कैंप और इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड शामिल हैं।