सबरीमला मंदिर मुद्दा: ‘अपवित्र वाला बयान’ ट्रोल होने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दी सफाई

नई दिल्ली । केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि पूजा करने के अधिकार का यह मतलब नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार प्राप्त है।

स्मृति के इस बयान को सोशल मीडिया में खूब ट्रोल किया गया जिसके बाद केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखा, ‘ मेरी टिप्पणी पर कई लोग बातें कर रहे हैं, मुझे भी अपने कमेंट पर कमेंट करने दीजिए।

एक हिंदू होते हुए मैंने एक पारसी से शादी की लेकिन मुझे पूजा के लिए अग्नि मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। मैं पारसी समुदाय/पुजारी की इस आस्था का सम्मान करती हूं। दो पारसी बच्चों की मां होने के नाते वहां पूजा करने के अधिकार के लिए किसी अदालत में नहीं गई। इसी तरह मासिक धर्म वाली पारसी या गैरपारसी महिलाएं किसी भी अग्नि मंदिर में प्रवेश नहीं करती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘ये दो तथ्यात्मक बयान हैं।’ बाकी मुझे फंसाने के लिए प्रोपेगंडा/एंजेडा है। खून से सने सेनेटरी पैड की बात पर उन्होंने लिखा, ‘जहां तक एक दोस्त के घर खून से सने पैड को ले जाने के मेरे बयान पर हमला बोलने का सवाल है तो मुझे अब तक कोई ऐसा शख्स नहीं मिला है, जो ऐसा करता हो।’

स्मृति ईरानी ने अपने आखिरी और पांचवें ट्वीट में कहा, ‘लेकिन मुझे चकित करने की जगह मुझे इस पर हंसी आती है कि एक महिला के तौर पर मुझे अपनी राय रखने की अनुमति नहीं है और ‘उदारवादी’ दृष्टिकोण की बात है तो मैं स्वीकार्य हूं। यह कितना उदारवादी है?’