फोन पर खुद को पुलिस अधीक्षक बताकर स्थानीय आकाश विजयवर्गीय से 10 लाख रुपये ठगने की कोशिश करने वाले राजस्थान के 35 वर्षीय बदमाश को मंगलवार को धर दबोचा गया। ‘मिस्टर नटवरलाल’ के नाम से कुख्यात बदमाश फर्जी पहचान के बूते कई राज्यों में प्रभावशाली लोगों से की वारदातों को अंजाम दे चुका है।
पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) सूरज वर्मा ने बताया कि राजस्थान के पाली जिले से पकड़े गए बदमाश की पहचान सुरेश घांची उर्फ भेरिया (35) के रूप में हुई है। उन्होंने आरोपी से पूछताछ के हवाले से बताया कि उसने इंटरनेट से फोन नंबर हासिल करने के बाद स्थानीय बीजेपी विधायक को कुछ दिन पहले कॉल किया और अपना परिचय शहर के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) मोहम्मद यूसुफ कुरैशी के रूप में दिया।
ट्रूकॉलर पर ‘एसपी इंदौर’ के नाम से पहले ही रजिस्टर किया नंबर
वर्मा ने बताया कि फोन पर हुई बातचीत में खुद को पुलिस अधीक्षक बता रहे घांची ने विधायक से कहा कि उसके परिजन को 10 लाख रुपये की तुरंत आवश्यकता है और वह एक बैंक खाते में यह रकम जमा कर दें। उन्होंने बताया कि शातिर ठग ने विधायक को जिस फोन नंबर से कॉल किया, उसे उसने ट्रूकॉलर ऐप पर ‘एसपी इंदौर’ के नाम से पहले ही पंजीकृत कर लिया था। ठगी के कॉल के बाद संदेह होने पर विधायक की तरफ से पुलिस को इस शख्स के बारे में शिकायत की गई थी।
कई सारे नेता, अधिकारी, बिजनसमैन को जाल में फंसा चुका है ‘नटवरलाल’
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘महज आठवीं तक पढ़ा घांची ‘मिस्टर नटवरलाल’ के नाम से कुख्यात है। वह किसी व्यक्ति की आवाज एक बार सुनने के बाद उसकी नकल करने में माहिर है। उसने राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और अन्य सूबों में फर्जी पहचान के बूते राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों, उद्योगपतियों और अमीर लोगों से ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है।’ उन्होंने बताया कि घांची लोगों को ठगी के जाल में फांसने के लिये खुद को फोन पर पुलिस या प्रशासन का आला अधिकारी, न्यायाधीश अथवा जन प्रतिनिधि बताता था।
Source: Madhyapradesh