नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम निदेशक बनाने पर स्टालिन ने किए सवाल

नई दिल्ली : सीबीआई में चल रहे घूसकांड पर एजेंसी के अधिकारियों की जंग के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दोनों शीर्ष अधिकारी आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है.

इस बीच अंतरिम निदेशक के रूप में नागेश्वर राव की नियुक्ति कर दी गई है . राव की नियुक्ति पर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने गंभीर सवाल उठाए हैं. स्टालिन ने आरोप लगाया कि नागेश्वर राव के खिलाफ कई शिकायतें की गई थी और इस तरह की खबरे हैं कि सीबीआई निदेश आलोक वर्मा उनके खिलाफ जांच शुरू करने वाले थे.

स्टालिन ने दावा कि नागेश्वर राव ने तमिलनाडु के उप मुख्यमंक्षी ओ पनीरसेल्वम से राज्य सचिवालय में मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में आलोक वर्मा का हटाया जाना संदेह पैदा करता है जब सीबीआई गुटखा स्कैम की जांच कर रही थी और मद्रास हाई कोर्ट ने सड़क संबंधी ठेके में कथित अनियमितताओं की पड़ताल के लिए मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

स्टालिन ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह कदम कथित राफेल घोटाले की जांच को ढकने के लिए उठाया जा रहा है? सरकार के इस कदम से प्रतीत होता है कि देश में अघोषित अपातकाल लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि नागेश्वर राव जैसे विवादित अधिकारी की नियुक्ति यह सुनिश्चित करती है कि सीबीआई अभी भी बीजेपी के ‘पिजड़े में कैद तोता’ बनी हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवाद को लेकर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजना न सिर्फ निरंकुशता है बल्कि बीजेपी सरकार की प्रशासनिक अराजकता को भी दिखाता है.