इंदौर, एक फरवरी (भाषा) वित्त वर्ष 2020-21 के लिये केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश आम बजट पर मध्यप्रदेश के उद्योग-व्यापार जगत की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आयी है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के औद्योगिक संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश (एआईएमपी) के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने “पीटीआई-भाषा” से कहा, “एमएसएमई क्षेत्र हालांकि बजट से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। लेकिन बजट प्रावधानों से आम उपभोक्ता की खरीद क्षमता और अलग-अलग परियोजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीद है जिसका फायदा हमारे क्षेत्र को भी होगा।” खाद्य प्रसंस्करणक से जुड़े उद्योगों के संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन डेविश जैन ने कहा, “आम बजट में कृषि और ग्रामीण विकास पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हुए इन क्षेत्रों के लिये बड़ी रकम का प्रावधान किया गया है। इससे सोयाबीन प्रसंस्करण जैसे कृषि आधारित उद्योगों को मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि पोषण के क्षेत्र में सरकार का बड़ा बजट आवंटन सोयाबीन प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये शुभ संकेत है क्योंकि सोयाबीन के अलग-अलग उत्पाद प्रोटीन के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। गौरतलब है कि पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिये वर्ष 2020-21 के बजट में 35,600 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा, “केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक औसत बजट पेश किया है जिसमें देश को मौजूदा आर्थिक सुस्ती से उबारने, प्रत्यक्ष रोजगार बढ़ाने और आम आदमी की आय में इजाफे का कोई सीधा रोडमैप दिखायी नहीं देता। इस बजट पर सरकार के घटते राजस्व और वित्तीय अनिश्चितता की छाया साफ नजर आती है।” कारोबारियों के संगठन अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा, “केंद्र सरकार के बजट से कारोबारी निराश हैं। हमें नहीं लगता कि बजट के प्रावधानों से पारम्परिक बाजारों में सुस्ती का दौर समाप्त होगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा आर्थिक सुस्ती के मद्देनजर सरकार को बाजार में नकदी और पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिये बजट में ज्यादा उपाय करने चाहिये थे।
Source: Madhyapradesh