मड़ई-मेले बचपन की याद दिलाते हैं : अनिला भेड़िया

रायपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया राजनांदगांव जिले के विकासखंड मुख्यालय डोंगरगांव के जनसेवा मैदान में आयोजित तीन दिवसीय लोक मड़ई और कृषि मेले के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई। श्रीमती भेड़िया सबसे पहले विभिन्न विभागों द्वारा मेले में लगाए हुए स्टॉलों का अवलोकन किया। श्रीमती भेड़िया ने कार्यक्रम में सेवता टोला से संबंधित स्मारिका का विमोचन किया। मेले में सेवता टोला के संबंध में झांकी बनाई गई है। जिसमें सेवता समाज द्वारा अंग्रेजी हुकूमत में बेगारी प्रथा के विरोध में किए गए किसान आंदोलन की झांकियां प्रदर्शित की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सेवता टोला झांकी का अवलोकन भी किया।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेड़िया ने अपने उद्बोधन में कहा कि मड़ई मेले का एक अलग ही आनंद है। यह मड़ई-मेले बचपन की याद दिलाते हैं। इसके लिए उन्होंने विधायक श्री दलेश्वर साहू को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि छŸाीसगढ़ी कला-संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विधायक श्री साहू ने जो प्रयास किए हैं वह बहुत ही सराहनीय है। पिछले 20 सालों में मड़ई के प्रभाव को कम नहीं होने दिया है। श्रीमती भेड़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा छŸाीसगढ़ की कला-संस्कृति को नये सिरे से संरक्षित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। श्रीमती भेड़िया ने मड़ई में सेवता टोला की झांकी को देखकर डोंगरगांव क्षेत्र के क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा कि अंग्रेजों से अपने हक के लिए लड़ाई की शुरूआत छŸाीसगढ़ के आदिवासियों ने की है। छŸाीसगढ़ के क्रांतिकारी सेवता ठाकुर, परलकोट के गैंदसिंह और वीर नारायण सिंह सभी आदिवासी समाज के क्रांतिकारी थे। इन क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के अत्याचार और लगान वसूली से आम जनता को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी और कुर्बानियां दी। उन्होंने कहा कि छŸाीसगढ़ के क्रांतिकारियों का देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

डोंगरगांव विधायक एवं लोक मड़ई के संरक्षक श्री दलेश्वर साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार को छŸाीसगढ़ की कला-संस्कृति, तीज-त्यौहारों और ग्रामीण सांस्कृतिक परंपराओं की गहरी समझ है। उन्होंने डोंगरगांव लोक मड़ई की विकास यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने कहा कि छŸाीसगढ़ की परंपरा है कि गांव में खेती करने के बाद मड़ई का आयोजन किया जाता है। छŸाीसगढ़ बनने के बाद एक छोटी सी मड़ई आज लोक मड़ई के रूप में भव्य रूप ले चुकी है। उन्होंने लोक मड़ई की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए विधायक श्री दलेश्वर साहू और प्रशासन के सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के जनता के उत्साह और पारंपरिक संस्कृति को संजोने के लिए लोक मड़ई में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश में हरेली, पोला जैसे त्यौहारों के लिए अवकाश घोषित किया है। जिसके कारण छŸाीसगढ़ के इन त्यौहारों को नई पहचान मिली है। इस अवसर पर राजनांदगांव नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार ने गढ़बो नवा छŸाीसगढ़ का नारा दिया है। सरकार की मंशा है कि हम छŸाीसगढ़ को ऐसे रूप में गढ़े कि उनका नाम देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में हो।