रायपुर/अंबिकापुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कहा कि हमसे चार साल, 15 साल का हिसाब मांगने वाले पहले अपनी चार पीढिय़ों का हिसाब तो देश को दें। श्री मोदी सरगुजा-प्रवास के दौरान अंबिकापुर में भारतीय जनता पार्टी की एक विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
अंबिकापुर में हुई सन 2013 की सभा की याद करके श्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की और कहा कि यहां के कलाकारों ने तब जो लालकिला की प्रतिकृति बनाई थी, कांग्रेस के नेताओं ने उसकी जमकर चर्चा भी की और मजाक भी बनाया। उस लाल किले के सभा-मंच पर मोदी का भाषण हुआ तो दिल्ली वालों की नींद हराम हो गई। उन्हें यह हजम नहीं हुआ। पर यह देश के लोकतंत्र का ही प्रभावी परिणाम है कि एक गरीब मां का बेटा, एक चाय वाला असली लालकिले तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और कलाकारों का मजाक उड़ाने वालों को सजा देने का मौका आ गया है। प्रधानमंत्री ने प्रथम चरण के भारी मतदान की जमकर सराहना मतदाताओं को बधाई दी और कहा कि एक ओर मौत का खेल चल रहा था, ऊंगली काट देने की धमकी दी जा रही थी तो दूसरी तरफ लोगों ने समृद्धि, विकास और शांत छत्तीसगढ़ के लिए भारी मतदान करके जवाब दिया और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की ताकत सिद्ध की है। यह भारी मतदान दूसरे चरण के लिए प्रेरणा देने का काम करेगा।
भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को गांव-गरीब के गलियारों तक गहरी बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि झूठ और खोखले वादों की राजनीति करना कांग्रेस का चरित्र है, जबकि भारतीय जनता पार्टी विकास के ठोस काम करके हर आदमी के चहुंमुखी कल्याण के काम करने में विश्वास रखती है, और हमने चार सालों और छत्तीसगढ़ में 15 सालों में कर दिखाया है। उन्होंने कहा हमने गांव-शहर, मेरे-तेरे, अपने-पराए, बिरादरी जैसे तमाम भेदभाव से ऊपर उठकर सबका साथ-सबका विकास मंत्र लेकर काम किया है और आगे भी करेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला गैस कनेक्शन योजना और आयुष्मान भारत योजना की चर्चा भी करते हुए श्री मोदी ने एक बार फिर नोटबंदी के फैसले को जायज ठहराया और कहा कि बोरों भरे नोट, बिस्तर-तकियों में छिपे नोट बाहर निकलते ही विपक्ष के लोग जार-जार आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों के तब के मुखिया दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अपनी घोषणाओं पर अमल तो दूर अपने घोषणा पत्र के 62 फीसदी बिंदुओं के तो पढ़ा तक नहीं। आज कांग्रेस के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ में भाषण झाड़ रहे हैं! वे कह रहे हैं कि रमन सिंह को ये करना था-वो करना था, ये नहीं किया-वो नहीं किया। उन्होंने कहा कि, मैं पूछता हूं कि आपको यह ज्ञान कब हुआ? जब आप सत्ता में थे, तब आपने क्यों नहीं ये काम करा लिए? उन्होंने कटाक्ष किया कि कांग्रेस ने तेलंगाना राज्य की मांग को लटकाए रखा पर हमारे श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए राज्य बनाने में तनिक भी देर नहीं लगाई। दरअसल कांग्रेस को भाई-भाई को आपस में लड़ाए बिना चैन नहीं मिलता। कांग्रेस की घोषणाओं और वादों पर चुटकी लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्हें पता है कि सत्ता में आना तो है नहीं, इसलिए चाहे जैसे वादे कर रहे हैं, जो खोखले ही सिद्ध होंगे। हमने किसानों-गरीबों की भलाई के लिए ठोस और स्थायी काम किए ताकि उनकी आने वाली पीढिय़ों का भविष्य संवर सके।
श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व देश और उसकी सत्ता पर अपना एकाधिकार मानता है और उसके राज दरबारी-राग दरबारी एक ही परिवार के गीत गाते रहते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती दी कि लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें करने वाला कांग्रेस नेतृत्व प्रधानमंत्री न सही, अपनी पार्टी का अध्यक्ष ही सिर्फ एक कार्यकाल के लिए एक परिवार से बाहर के व्यक्ति को बनाकर दिखा दे तो वे (श्री मोदी) पं. नेहरू की लोकतंत्र में आस्था की बात स्वीकार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि एक चायवाले को देश का प्रधानमंत्री बनाने का पूरा यश देश की जनता को जाता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कामों की जमकर सराहना करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि एक गरीब ही गरीब की पीड़ा को समझ सकता है। गाली-गलौज करना कांग्रेस का चरित्र है और जनता की सेवा करना भाजपा का संकल्प है। उन्होंने एक बार फिर दूसरे चरण में भारी मतदान कर भाजपा को जिताने की अपील की।