मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने अपनी आत्मकथा में दावा किया है कि 2015 में की जांच के दौरान शुरुआत में संयुक्त पुलिस आयुक्त (लॉ ऐंड ऑर्डर) देवेन भारती ने यह खुलासा नहीं किया था कि वह मामले के मुख्य संदिग्ध पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी को जानते थे। अपनी किताब ” में राकेश मारिया ने जांच के दौरान हुए अपने तबादले को लेकर भी चुप्पी तोड़ी है। मारिया पर आरोप थे कि वह पीटर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
किताब के मुताबिक, मुखर्जी के साथ भारती की दोस्ती के बारे में खुलासा तब हुआ जब मारिया ने इंद्राणी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद खार पुलिस स्टेशन में पीटर से पूछताछ की। मारिया ने इस घटना के बारे में लिखा है कि उन्होंने पीटर से सवाल किया कि जब उसे 2012 में शीना के अचानक गायब होने के बारे में पता चला तो उन्होंने क्यों कुछ नहीं किया? इसपर पीटर ने कहा, ‘सर, मैंने देवेन को बताया था!’ किताब में लिखा है, ‘मैंने देवेन की तरफ देखा लेकिन वह चुपचाप खड़े रहे। पीटर ने जो बात कही उसे सुनकर पूछताछ के दौरान मौजूद सभी अधिकारी दंग रह गए थे।’
भारती ने दिया जवाब
इंडियन एक्सप्रेस ने वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस) के रूप में तैनात भारती से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा, ‘मारिया एक ऐसे परिवार से ताल्लुख रखते हैं जो बॉलिवुड से जुड़ा है। ऐसा लगता है कि स्क्रिप्टराइटर्स का उनपर गहरा प्रभाव है। इसके अलावा, यह एक मार्केटिंग स्ट्रैटिजी प्रतीत होती है।
‘मांगी थी मीडिया से बात करने की इजाजत’
अपनी किताब में मारिया ने उन आरोपों को भी खारिज किया कि उन्होंने हत्या मामले में पीटर मुखर्जी को लेकर सीएम फडणवीस को गुमराह किया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में फडणवीस के हवाले से कहा गया था कि उन्हें बताया गया कि पीटर मुखर्जी शीना की हत्या में शामिल नहीं थे। उन्होंने किताब में यह भी खुलासा किया कि उन्होंने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी से मीडिया के साथ बात करने की अनुमति मांगी क्योंकि उनकी भूमिका को संदेह के दायरे में देखा गया था। इस पर बख्शी ने खुले तौर पर कभी जवाब नहीं दिया और मारिया तीन महीने बाद सेवानिवृत्त हो गए।
Source: National