पारम्परिक बजट निर्माण प्रक्रिया से हटकर नवाचारी विचारों पर काम करें : कमलनाथ

भोपाल, 18 फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा के 16 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में पेश किये जाने वाले बजट की तैयारियों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज हमें पारम्परिक बजट निर्माण की प्रक्रिया से अलग हटकर वैकल्पिक व्यवस्थाओं और नवाचारी विचारों पर काम करने की जरूरत है। यहाँ मिंटो हॉल में मंगलवार को ‘परियोजनाओं के लिये वैकल्पिक वित्त व्यवस्था’ विषय पर वित्त विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘‘विश्व का आर्थिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। इसलिए वित्तीय संस्थाओं और वित्त की व्यवस्था करने वाली सरकारों को भी अपनी सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में महत्वाकांक्षी युवाओं का बड़ा समुदाय है और उसकी महत्वाकांक्षाएँ पूरी करने के लिए ज्यादा बजट संसाधनों की जरूरत है। कमलनाथ ने कहा, ‘‘बदले हुए और लगातार बदल रहे भारत और भारतीय राज्यों के लिए वित्तीय व्यवस्थाएँ करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। इसलिए बैंकों, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्रों को परिवर्तन के साथ स्वयं को बदलने की और परिवर्तनों को अपनाने की आवश्यकता है। इसलिए पारम्परिक बजट निर्माण की प्रक्रिया से अलग हटकर वैकल्पिक व्यवस्थाओं और नवाचारी विचारों पर काम करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करने वाली आर्थिक गतिविधियों पर लगातार ध्यान देना जरूरी हो गया है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश जैसे राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है लेकिन उनके आधार पर आर्थिक गतिविधियों का विस्तार करने के प्रयासों में कमी दिखती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कृषि को अत्याधुनिक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कृषि से संबंधित अन्य आर्थिक गतिविधियों में विस्तार हो। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में आगे है लेकिन इन उत्पादों के लिए बाजार तक पहुँच बनाने में कई बाधाएँ हैं। कमलनाथ ने कहा कि कई देशों की बजट व्यवस्थाएँ वित्तीय जवाबदारी एवं बजट प्रबंधन जैसे कानूनों के बिना भी अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि इस बार के केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के हिस्से में 14,000 करोड़ रुपए कम आए हैं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने कहा कि बजट निर्माण संबंधी नवाचारी व्यवस्थाएँ करने में प्रदेश आगे रहा है। इसके पहले बी.ओ.टी. व्यवस्था के माध्यम से सड़कों का निर्माण, रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन में बजट जुटाने जैसे नवाचारी उपाय इसका उदाहरण हैं।

Source: Madhyapradesh