संघ मुख्यालय के बाहर तिरंगा फहराऊंगा: चंद्रशेखर

नागपुर
के चीफ ने ऐलान किया है कि वह 22 फरवरी को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय के बाहर फहराएंगे। चंद्रशेखर आजाद ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे सभी तिरंगा लेकर रेशमबाग (नागपुर) पहुंचें। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीम आर्मी को बैठक की अनुमति देते हुए यह शर्त रखी है कि यह बैठक धरना प्रदर्शन में तब्दील नहीं होनी चाहिए।

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को भीम आर्मी को अपने सदस्यों के साथ 22 फरवरी को रेशमबाग मैदान में बैठक करने की अनुमति दे दी। हालांकि, अदालत ने कुछ शर्तों के साथ यहां बैठक की अनुमति दी है। अदालत की शर्तो के तहत यह बैठक धरना या विरोध प्रदर्शन में तब्दील नहीं होना चाहिए और यहां कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जायेगा। कहा जा रहा है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद इस बैठक को संबोधित कर सकते हैं।

‘तिंरगा लेकर पहुंचे और बताएं कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है’
चंद्रशेखर आजाद ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है, ‘मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूं। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस, जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नहीं दिया। कल हम उनके हेडक्वॉर्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।’

इससे पहले हाई कोर्ट के जज सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ ने कहा कि भीम आर्मी की याचिका पर उसे कुछ शर्तों के साथ बैठक करने इजाजत दी जाती है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘शर्तों के साथ अनुमति दी जाती है। यह केवल कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। यह धरना अथवा प्रदर्शन में तब्दील नहीं होना चाहिए। वहां कोई भड़काऊ भाषण नहीं होना चाहिए और वातावरण शांतिपूर्ण बना रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त चंद्रशेखर आजाद को उपर्युक्त शर्तों पर एक हलफनामा देना चाहिए।’ बेंच ने चेतावनी दी है कि शर्तों का उल्लंघन होने पर आपराधिक कार्रवाई के साथ ही न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही भी की जाएगी।

पुलिस ने बैठक की अनुमति देने से कर दिया था इनकार
इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को अदालत में दाखिल शपथपत्र में कहा था कि जिस मैदान में भीम आर्मी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का विरोध करने के लिए अनुमति मांगी है, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय के करीब है। इसमें कहा गया कि संगठन के विचार और संघ के विचारों में भिन्नता की वजह से कानून एवं व्यवस्था बिगड़ सकती है। भीम आर्मी की याचिका पर मंगलवार को अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और नागपुर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किए थे। इससे पहले, कोतवाली पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए इस मैदान में बैठक की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। यह मैदान आरएसएस मुख्यालय के करीब है।

बैठक की अनुमति नही मिलने पर भीम आर्मी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। भीम आर्मी के नागपुर जिला प्रमुख प्रफुल शिंदे ने अपनी वकील फिरदौस मिर्जा के जरिये दाखिल याचिका में कहा था कि उनके संगठन को पुलिस उपायुक्त (सीपी) और बेरार शिक्षा संस्थान (जोकि नागपुर के इस मैदान का कर्ताधर्ता है) से बैठक की अनुमति मिल गई थी। याचिका में कहा गया कि हालांकि कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कोतवाली पुलिस ने बैठक की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

(एजेंसी इनपुट्स के आधार पर)

Source: National