वाराणसी :सोमवार को कांशी में हुई धर्म सभा में राम मंदिर मुद्दा छाया रहा। अयोध्या में यूपी सरकार द्वारा भगवान श्रीराम का स्टैचू (मूर्ति) लगाने का न सिर्फ जबरदस्त विरोध हुआ बल्कि इसको लेकर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इस मसले पर बुधवार को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ‘धर्मादेश’ जारी करेंगे। साधु-संतों ने प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला।
धर्म संसद के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही राम मंदिर के साथ धर्मांतरण, वैदिक शिक्षा और गंगा सरंक्षण के मुद्दे उठे। अयोध्या से आए रसिक पीठाधीश्वर महंत जनमेजय शरण ने कहा, ‘भगवान श्रीराम को भी देश के सामान्य लोगों की तरह दशकों से न्याय का इंतजार करना पड़े, इससे दुखद और क्या हो सकता है?
सनातनियों को शंकाराचार्यो की अगुआई में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए अब आगे आना होगा।’ धर्माचार्य अजय गौतम ने कहा, ‘रामलला टेंट में हैं और उनके छद्म भक्त लाखों का सूट-बूट पहन कर घूम रहे हैं। बीजेपी अयोध्या में आदर्श राम का मंदिर बनानी चाहती है जबकि संत समाज और सनातनी हिंदू घट-घट व्यापी राम मंदिर बनवाने के प्रतिबद्ध हैं।’