नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली ग्रुप को करारा झटका दिया है। निवेशकों से पैसे लेने के बावजूद उन्हें उनका मकान नहीं देने के मामले में कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशकों से जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इसके अलावा, कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के राजगीर, बक्सर, ग्रेटर नोएडा के होटल, बरेली का मॉल, नोएडा के चार कॉरपोरेट ऑफिस, मुजफ्फरपुर का मॉल, गया का बुद्धा मॉल, पूर्णिया की जमीन, भुवनेश्वर हाउजिंग प्लॉट और इस्पात फैक्ट्री वाली संपत्तियों को जब्त करने का DRT को निर्देश दिया है।
इससे पहले, होम बायर्स से जुटाए पैसे का क्या किया, इसकी सही-सही जानकारी नहीं देने पर जेल में डालने की सुप्रीम कोर्ट की धमकी के बाद आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी ने मान लिया कि 2,996 करोड़ रुपये दूसरी कंपनी का बिजनस बढ़ाने में लगा दिए गए। इसी वजह से हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स पूरा करने के लिए जरूरी रकम का अभाव हो गया और ये प्रॉजेक्ट्स लटक गए। कंपनी ने कहा कि 2,996 करोड़ रुपये के डायवर्जन का आंकड़ा मार्च 2015 तक का ही है क्योंकि उसके बाद से बैलेंसशीट अपडेट ही नहीं की गई है।