नई दिल्ली :बुलंदशहर हिंसा में हुई इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या में सबसे अहम माना जा रहा जीतू फौजी पुलिस के शिकंजे में आ गया है। वहीं बुलंदशहर हिंसा में सेना के जवान जितेंद्र मलिक (जीतू फौजी) की गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल पर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर कोई सबूत होगा और पुलिस उन्हें संदिग्ध मानेगी तो हम उन्हें पुलिस के सामने पेश कर देंगे। हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग करेंगे।
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा के बयान पर बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि यह निजी विचार हैं, इसलिए उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वह (हुड्डा) इस ऑपरेशन से जुड़े मुख्य व्यक्तियों में से एक थे, इसलिए मैं उनके शब्दों का काफी सम्मान करता हूं।
गांव महाव के रहने वाले आरोपी जीतू फौजी के पिता राजपाल सिंह किसान हैं, जबकि उसकी मां रतनकौर घरेलू महिला हैं। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। दो भाइयों में सबसे छोटा जीतू भी पढ़ने-लिखने में होशियार रहा है। मां रतनकौर के अनुसार शुरू से ही जीतू सेना में जाना चाहता था और करीब तीन साल पहले उसका चयन सेना में हो गया। फौजी जीतू इन दिनों कश्मीर के कारगिल में तैनात है। वह बीस दिन पहले ही अपनी भांजी की शादी के लिए छुट्टी पर आया था। उसकी छुट्टी मंगलवार को खत्म हो गई थी। सोमवार को हुई हिंसा के बाद शाम को ही वह अपनी ड्यूटी के लिए निकल गया था।
(साभार : लाइव हिन्दुस्तान.कॉम )