विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में की जनरल प्रमोशन या 50 लाख के बीमे की मांग
Raipur, छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जोगी ने महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन को को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि जी प्रकार पूरे विश्व मे फैली “कोरोना महामारी” जो कि भारत के लगभग सभी प्रान्तों में फैल चुकी है और जिससे हमारा छतीसगढ़ भी अछूता नही रहा है ऐसे में इसके रोकथाम हेतु एकमात्र कारगर उपाय “सामाजिक दूरी” को मानकर पुरे देश को 22 मार्च से लॉक डाउन दिया गया है और सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है और यह कब तक बंद रहेंगे ये भी अनिश्चित है और छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जोगी के सरगुजा जिलाध्यक्ष रचित मिश्रा ने कहा की
ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर 2019-20 के अनुसार परीक्षा आयोजित हो पाना असंभव प्रतीत हो रहा है जिससे प्रदेश के निजी एवं शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत लाखों छात्र छात्राओं को अपने शैक्षणिक भविष्य को लेकर चिंताए भड़ती जा रही है
छात्र छात्राओं की इन्ही चिताओं को ध्यान में रखते हुए छतीसगढ़ छात्र संगठन जोगी द्वारा दिनांक 03-04-20 को मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर जनरल प्रमोशन कि मांग की गई थी परंतु उस पर छात्रहित में किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया
और यह कहा गया कि महाविद्यालयों में जनरल प्रमोशन नही दी जा सकती और परीक्षाए पूर्ववत होंगी साथ ही साथ कुछ दिनों पूर्व विभिन्न मीडिया माध्यमों से यह ज्ञात हुआ कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए एक कमेटी बनाई गई जिसके द्वारा परीक्षाओं को लेकर सुझाव दिए गए तत्पश्चात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा परीक्षा संबंधी गाइडलाइन जारी की गई परन्तु जारी गाइडलाइन में भी समस्याएं हैं अतः ऐसे में छात्र छत्राओं के शैक्षणिक भविष्य को लेकर विभिन्न समस्याएं हैं जो निम्न हैं
1.कोरोना महामारी की वजह से जारी लाक डाउन हटाया नही गया है और कब तक हटेगा यह भी अनिश्चित है ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2019-20 जो अपने अंतिम चरण में है ऐसे में मुख्य परीक्षा आयोजित कर पाना संभव नही है
2.लॉक डाउन के पश्चात भी यह निश्चित तौर पर नही कहा जा सकता कि अब कोरोना के संक्रमित नही पाए जाएंगे क्योकि क्वारेंटिंन किए गए लोगों की संख्या हजारों में है और आने वाले दिनों में मजदूरों के वापस आने के पश्चात लाखों में होगी और ये सभी कोरोना के संदिग्ध माने जाते हैं
ऐसे में परीक्षा के मध्य में किसी जिले या शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ जाती है और उस जिले या शहर को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया जाता है उदाहरण के तौर पर सूरजपुर जिला जहाँ 40 दिनों तक कोई भी मरीज नही था और अगले दो दिनों में 6 संक्रमितों के साथ हॉटस्पॉट बन गया वैसे ही दुर्ग और कबीरधाम जिला जहा एक ही दिन में क्रमशः 8 और 6 संक्रमित पाए गए तो ऐसे स्थानों की परीक्षा का क्या होगा
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा परीक्षाएं 1 जुलाई से 30 जुलाई के मध्य आयोजित कराने की बात कही गई है जो कि पूर्णतः अव्यवहारिक है क्योंकि
(क) 15 जून से नया सत्र प्रारम्भ हो जाता है
(ख) मार्च से जून तक आयोजित होने वाली परीक्षा को एक माह जुलाई में ही करा पाना असंभव है
(ग)यदि जुलाई में परीक्षाएं आयोजित की गईं तो उनके परिणाम सितंबर से पहले जारी नही किए जा सकेंगे, ऐसे में नए सत्र के लिए प्रवेश कब दिया जाएगा और पूरक की परीक्षाए कब होंगी - कोरोना महामारी के सबसे महत्वपूर्ण सुझाव “सामाजिक दूरी” के नियम के अनुसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच की दूरी कम से कम 6 फ़ीट की होनी चाहिए और ऐसे में प्रदेश में मौजूदा संसाधनों के साथ 6 फ़ीट की दूरी के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परीक्षा सम्पन्न करा पाना संभव नही है
अतः महोदय उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान मे रखते हुए छतीसगढ़ छात्र संगठन जोगी आपसे निम्नाकिंत चार बिंदुओं में मांग करती है जिस पर तत्काल निर्णय लेते हुए सभी छात्र छात्राओं के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने की महान कृपा करें - परीक्षाए सिर्फ स्नातक एवं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के लिए आयोजित हों
- स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष,द्वितीय वर्ष के सभी छात्र छत्राओं को अगली कक्षाओं में “जनरल प्रमोशन” द्वारा प्रवेश दिया जाए
- उपरोक्त प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र छात्राओं को “जनरल प्रमोशन” में दिए गए अंको का आधार उनके द्वारा पूर्व में दी गई दो मुख्य परीक्षा या बोर्ड परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन हो
4.यदि लिखित परीक्षा को ही एक मात्र विकल्प के रूप में चुना जाए तो परीक्षा पूर्व सभी छात्र छात्राओं का 50 लाख का बीमा राज्य शासन द्वारा कराया जाए