नई दिल्ली : कोरोना संकट काल में योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से एक राहत भरी खबर आ रही थी. जिसमे दावा किया गया था की पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक दवा बना ली है. इस दवा का नाम कोरोनिल रखा गया है और दावे किए जा रहे है की इससे कोरोना का इलाज सम्भव है.
इस दवा के बनते ही अड़चन सामने आ गई है. अड़चन यह है की भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस दवा को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है की उसे इस दवा के संबंध में तथ्यों के दावे और वैज्ञानिक शोध के संबंध में कोई जानकारी नहीं है और जबा तक सरकार इनकी जाँच नहीं कर लेती तब तक कंपनी इस दवा का विज्ञापन नहीं कर सकती.
वही इस पर बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गौरव देने वाली है, जो कम्यूनिकेशन दूरियां थी, वो दूर हो गई हैं. हमने रैंडमाइजिस्ड प्लासेबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी मापदंड थे, उन सबका 100% पालन किया है. इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है.’
दवा को लेकर पतंजलि ने दावा किया है की कि यह दवाई शत प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है. साथ ही इसका 100 मरीजों पर नियंत्रित क्लिनिकल ट्रायल किया गया जिसमें तीन दिन के अंदर 69 प्रतिशत और चार दिन के अंदर शत प्रतिशत मरीज ठीक हो गये और उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई.