वन अधिकार पत्र से आई किसानों के जीवन में खुशहाली

 रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वन अधिकार पत्र के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर काबिज लागों को वनअधिकार पत्र देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वन अधिकार पत्र धारी किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने कहा है।

बालोद जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम नलकसा में वन अधिकार पट्टाधारी पन्द्रह किसानों के जीवन स्तर में सुधार आया है। इन किसानों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र मिलने के बाद शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना द्वारा वन अधिकार पट्टाधारी किसानों की भूमि सुधार, कुआं, निर्माण, डबरी निर्माण व वृक्षारोपण आदि किए गए हैं। शासन द्वारा ग्राम पंचायत नलकसा में पचास एकड़ की जमीन पर महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत फेंसिंग कार्य भी कराया गया, ताकि हितग्राही किसानों के वन अधिकार पट्टे की जमीन पर मवेशियों या जानवरों द्वारा फसल को क्षति न पहुंचायी जा सके।

किसान श्री मान सिंह ने बताया कि वह अपने गांव में काबिज भूमि पर कोदो, कुटकी, कुलथी का उत्पादन कर रहे थे। फसलों को जंगली एवं पालतु पशु नुकसान पहुंचाते थे। परिवार की जरूरतों की पूर्ति मुश्किल से कर पा रहे थे। उन्हें काबिज भूमि का शासन से वन अधिकार पट्टा मिल जाने से अब उसे शासन की योजनाओं का मिलने लगा है। इस भूमि पर शासन द्वारा फेंसिंग कार्य एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भूमि सुधार कार्य, डबरी एवं कुआं निर्माण कराया गया हैं। उसे स्प्रेयर मशीन, खाद-बीज भी दिया गया। इस भूमि में वृक्षारोपण के तहत नीबू, कटहल, अमरूद एवं पॉम का पेड़ भी लगाया है। वर्तमान में राजीव गॉधी किसान न्याय योजना का भी उसे लाभ मिला है। स्वयं की राशि से वे कुॅआ में डीजल पम्प भी स्थापित किया है। इस भूमि पर अब कोदो, कुटकी, कुलथी के अलावा धान की फसल का उत्पादन कर रहा है। सिंचाई की साधन होने से धान का रोपा लगाकर ज्यादा फसल उत्पादन कर रहा है। अब लगभग पन्द्रह क्विंटल तक धान का उत्पादन हो रहा है। खाने के लिए अनाज रखकर अतिरिक्त धान को सोसायटी में भी बेचता है, जिससे उसकी वार्षिक आमदनी तीस हजार रूपए तक बढ़ गई है और उसके जीवन स्तर मंे काफी सुधार आ गया है।

श्री खिलुराम ने बताया कि वे हजामत बनाने का कार्य करता है। राज्य शासन से उसे 0.83 हेक्टेयर का वनभूमि पट्टा प्राप्त हुआ है। पहले वह उक्त भूमि पर कोदो, कुटकी, मड़िया का उत्पादन कर जीवन निर्वाह कर रहा था। पट्टा प्राप्त होने के पश्चात इस भूमि पर शासन द्वारा महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत भूमि सुधार, खेत में डबरी एवं कुआं का निर्माण के साथ नीबू, कटहल, अमरूद का पेड़ भी लगाया है। इस भूमि पर वह अब धान की फसल लेता है, जिससे उसे लगभग 5 से 7 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। अब उसे खाने के लिए पर्याप्त अनाज मिल जाता है। उन्होंने बताया कि उसके जीवन स्तर में सुधार आया है। इसी प्रकार अन्य हितग्राहियों ने बताया कि पहले वे अपनी काबिज जमीन पर किसी भी प्रकार की फसल नहीं ले पाते थे। लेकिन वन अधिकार पत्र मिलने से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उन्हें भूमि सुधार, कुआं निर्माण, डबरी निर्माण आदि कार्य का लाभ मिला है। अब अच्छी फसल ले पा रहे हैं। किसानों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।