रायपुर,जगन्नाथ मन्दिर पुरानी बस्ती में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में रविवार को कंस वध की रोमांचक कथा का वर्णन हुआ। आचार्य सत्यनारायण ने माता यशोदा और नन्दबाबा के गोकुल से भगवान् श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं से बिदाई पश्चात अक्रूर के साथ कंस के बुलावे पर गोकुल से मथुरा के लिए विदाई का मार्मिक वर्णन किया, उन्होंने माता यशोदा के प्रलाप, गोपियों व बाल सखाओं के विलाप, कंस के भेजे पहलवानो-राक्षसों, पागल हाथियों का वध कर अंत मे श्रीकृष्ण- रुक्मिणी विवाह प्रसङ्ग की कथा सुनाई।
व्यासपीठ से आचार्य ने माता रुक्मिण श्रीकृष्ण को माता लक्ष्मी, भगवान बिष्णु का सोलह कलाओं से परिपूर्ण पूर्णावतार बताया। जिन्होंने विश्वकल्याण और धर्म की स्थापना के लिए ही यह अवतार लिये। आज छप्पन भोग लगाकर प्रसादी भी हुआ। प्रति दिन मध्यान्ह और रात्रि भोजन भंडारा का भी नियमित रूप से हो रहा है। आचार्य सत्यनारायण ने आज भी अनेक श्रद्धालुओं को दीक्षा का संकल्प भी कराया। सहयोगी आचार्य के रूप में आचार्य पँ हिमांशु कृष्ण शास्त्री एवं पँ निखिल दुबे ने व्यासपूजा एवं परायण भी किये।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय महासंघ के केंद्रीय अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य डॉ कीर्तिभूषण पाण्डेय, महामंडलेश्वर स्वामी राजेश्वरानन्द, आचार्य स्वामी अरुण चौबे शास्त्री, पँ उमा शंकर तिवारी, विशेष अतिथि पँ कमलनारायण तिवारी, पँ शुभम तिवारी, पँ कुंजबिहारी द्विवेदी, मनोज तिवारी, विजयलक्ष्मी मिश्रा,राजेश्वरी शर्मा, पँ दीपक चौबे, संध्या चन्द्रकांत तिवारी, सविता गोपालाचार्य, भाई इन्द्रचन्द जैन, संजय पोद्दार और अन्य विद्वानों का उत्तरी वस्त्र, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह व पुष्पहार से स्वागत व अंभिनन्दन किया गया। आस्था/संस्कार चैनल के प्रमुख गायक कलाकर-संगीतकार अजय व्यास, रूपराम और सन्तोष द्विवेदी की ओर से भव्य भजन सन्ध्या की प्रस्तुति व श्रीमद्भागवत कथा एवं भजन कीर्तन में दिव्य संगत किया गया।