शहडोल(जमीलुर्रहमान) इन दिनों लगातार वंशिका ग्रुप खूब सुर्खियां में है, कारण रेत के उत्खनन एवं परिवहन सहित हवाई फायर का सोशल मीडिया पर चल रहा है जिसकी चर्चा हर एक के जुबां पर सुर्खियां बनी है। जबकि समाचार पत्रों में भी वंशिका ग्रुप रेत खदानों के कारनामे प्रमुखता के साथ प्रकाश में लाया जा रहा है लेकिन कार्यवाही अपने चरम पर है। शासन द्वारा कार्यवाही तो हो रही है मगर परिणाम शून्य है जिसकी चर्चा जनमानस में बनी है लोगों का कहना है की रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाकर कठोर कार्यवाही करनी होगी तभी इस पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है अन्यथा कार्यवाही होती रहेगी और कारोबार चलता रहेगा। बीते दिनों रेत के अवैध कारोबार पर खनिज विभाग का चाबुक चला था और लोड़ी में पोकलेन, ब्यौहारी में भण्डारणों की जांच व बटली में जब्त हुए ड्रम यह सब कार्यवाही उस वक्त हुई जब खनिज अधिकारी ने खुद मोर्चा सम्हाले थे। यह कार्यवाही एक साथ चार स्थानों पर दबिश देकर की गई थी। कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर खनिज अधिकारी सुश्री फरहत जहां ने खुद रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए निरीक्षकों के साथ मोर्चा सम्हालते हुए एक ही दिन में ब्यौहारी, जयसिंहनगर, गोहपारू और बुढ़ार में कार्यवाहियां की और इस कार्यवाही में खनिज विभाग के सहित राजस्व एवं पुलिस विभाग का अमला मौजूद रहा। जबकि इस संबंध में समाचार पत्र एवं सोशल मीडिया पर लगातार रेत के अवैध कारोबार की खबरें प्रशासन के पास पहुंच रही थी, जिसके बाद खनिज, राजस्व और पुलिस ने एक ही साथ कई जगह पर छापे मारे और कार्यवाही हुई यह प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता थी मगर जनमानस के मन में यह प्रश्न पैदा होता है कि इतने कार्यवाहीओं के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है और आए दिन इन खदानों के कारनामे प्रकाश में आ रहे हैं। रेत खदानों में होने वाली घटनाओं की जानकारी जब मीडिया को लगती है तो उन घटनाओं को प्रमुखता के साथ प्रकाशन किया जाता है मगर उक्त ग्रुप के चमचे बेदाग होने का सोशल मीडिया में प्रमाण देते नजर आते हैं।
बेदाग होने का सोशल मीडिया में वायरल किए प्रमाण
जिला प्रशासन द्वारा रेत के अवैध उत्खनन पर निरंतर कार्यवाही चल रही
जिसमें गोहपारू तहसील के ग्राम लोड़ी में रेत भण्डारण से कुछ ही दूरी पर पोकलेन मशीन को खनिज अधिकारी ने जब्त करते हुए शासकीय अभिरक्षा में स्थानीय लोगों को सौंपा है, इसके अलावा जयसिंहनगर के भटगवां और कुबरा में भी कार्यवाही की गई है। इस दौरान रेत ठेकेदार के भण्डारणों की भी जांच की गई थी अब सोचनीय विषय यह है कि सच्चाई प्रशासन की कार्यवाही किया जाए या प्रमाण देने वाले चमचों पर, इसके अलावा भी कई बड़ी कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई है मगर इतनी कार्यवाही ना होने के बाद भी रेत के अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लग रहा है, कहीं ऐसा तो नहीं कि पूर्व की तरह किसी मंत्री का इंतजार किया जा रहा हो, और उनके आने के बाद पूरी तरह से अवैध रेत खदाने और भंडारण बंद होगा जैसे पूर्व में मंत्री जी के जाने के बाद हुआ था।
जनप्रतिनिधि की शिकायत पर नहीं दिखा कठोर असर
बेखौफ़ अंधाधुंध मानसून सत्र में जारी रेत खनन में जनप्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से चेताया था, इसके अगले दिन खुद खनिज अधिकारी खनिज अमले के साथ मौके पर पहुंचे और जप्त हुई चैन माऊटिंग पोकलेन मशीन जिसके बाद तमाम सिफारिशों की जद्दोजहद के बावजूद किसी की एक ना चली और कार्यवाही पूरी हुई मगर इन कार्यवाहियों से ज्यादा असर नही नही पड़ा। जनप्रतिनिधियों को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कठोर कार्यवाही के लिए भोपाल में आवाज उठानी पड़ेगी तब कही जाकर इन पर अंकुश लगाया जा सकता है।
शेष समाचार अगले अंक में जल्द ही।