लंदन : ब्रिटेन की संसद में ब्रेक्जिट समझौते पर मंगलवार को हुए ऐतिहासिक मतदान में प्रधानमंत्री टेरीजा मे को करारी हार का सामना करना पड़ा। समझौते के पक्ष में 202 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। इसी के साथ यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट को लेकर किया गया समझौता भी रद्द हो गया। ब्रेक्जिट के लिये 29 मार्च की तारीख तय थी। संसद में प्रस्ताव खारिज होने से ब्रिटेन की यूरोपीय संघ छोड़ने की योजना खटाई में पड़ गई है।
समझौता खारिज होने के तुरंत बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया, जिसे टेरीजा मे ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि वह बुधवार को इसका सामना करेंगी और जवाब भी देंगी, जिसे कॉर्बिन ने भी स्वीकार कर लिया। मे ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अपनी हार का पता था। लेकिन, वह यह नहीं जानतीं कि सांसद अगर ब्रेक्जिट का समर्थन नहीं करेंगे तो किसका करेंगे।
मतदान से पहले टेरीजा मे ने सासंदों से इस प्रस्ताव पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, ‘यह पूरी तरह सही नहीं है, लेकिन वास्तव में यही बीच का रास्ता है। जब इतिहास लिखा जाएगा, तो लोग संसद के फैसले को देखेंगे और पूछेंगे, क्या हमने यूरोपीय संघ को छोड़ने के लिये मतदान किया या देश की जनता को निराश किया।’