छत्तीसगढ़ में एक करोड़ 15 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की पैदावार का अनुमान ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा सेंट्रल पूल में मात्र 60 लाख मीट्रिक टन चांवल लेना अपर्याप्त

छत्तीसगढ़ हित किसान हित और धान हित में सबका खड़ा होना समय की मांग

रायपुर /4 अक्टूबर 2020 /केंद्र सरकार के द्वारा सेंट्रल पुल में 60 लाख मीट्रिक टन  चावल लेने को कांग्रेस ने अपर्याप्त करार दिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में धान बेचने पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है ऐसा अनुमान है कि इस बार छत्तीसगढ़ में एक करोड़ 15लाख मेट्रिक टन से अधिक धान की पैदावार होगी। ऐसे में मोदी सरकार के द्वारा सेंट्रल पूल में मात्र 60 लाख मैट्रिक टन चावल लेना अपर्याप्त है।मोदी सरकार सेंट्रल पुल में चावल लेने की लिमिट को किसान के हित मे बढ़ाये।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने उनके उपज का सही कीमत देने और कृषि को लाभकारी बनाने किए गए कार्यों की बदौलत आज छत्तीसगढ़ में धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।15 साल के रमन भाजपा शासनकाल में किसानों के साथ हुए अत्याचार किसानों के शोषण उनके उपज का सही दाम नहीं मिलना और रमन भाजपा की किसानों से वादाखिलाफी के चलते जल जंगल जमीन पर कब्जा करने की नीति और किसानों को निरन्तर हो रहे फसल के नुकसान के चलते बड़ी संख्या में किसान धान की पैदावार करने और कृषि कार्य से दूर हो गए थे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा किसानों के हित में किए गए कार्यों  का परिणाम है रमन शासन काल में कृषि क्षेत्र से मुहँ मोड़ चुके  किसान अब कृषि कार्यों में वापस लौटे हैं और धान  पैदावार करने वाले किसानों की संख्या में रमन सरकार की तुलना में चार लाख की बढ़ोतरी हुई है। धान का रकबा और उत्पादन भी बढ़ा है। ऐसे समय में भाजपा की केंद्र सरकार का किसान विरोधी चेहरा और चरित्र एक बार और  उजागर हो गया। जब राज्य में किसान धान की बंपर पैदावार कर रहे हैं, ऐसे समय चांवल लेने की सीमा बांधना उचित नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों से किए वादों  को पूरा करें स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दे एवं सेंट्रल पूल में चावल लेने लगाए गए ब्रेकर को हटाए और छत्तीसगढ़ में जितनी मात्रा में धान की पैदावार हो रही है उसी अनुपात में सेंट्रल पूल में किसानों के चावल को खरीदें।