छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरूप्रीत सिंह बाबरा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैठक


पीडीएस कॉल सेंटर के माध्यम से खाद्य के साथ महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा विभाग की होगी शिकायत दर्ज

सभी उचित मूल्य के राशन दुकानों में राज्य खाद्य आयोग का हेल्पलाइन नम्बर 0771-2972923 प्रदर्शित करना होगा अनिवार्य

       रायपुर 11 नवम्बर 2020/आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरूप्रीत सिंह बाबरा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय खाद्य आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य खाद्य आयोग के गठन,  कार्य, क्रियान्वयन संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। प्रदेश में पीडीएस कॉल सेंटर में लंबित सभी शिकायतों का जल्द निराकरण हो। राज्य में नव गठित होने वाले छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के कार्य, निगरानी जांच, अपील सुनवाई एवं सुझाव रहेंगे। निगरानी में उल्लेखित हितग्राहियों की पात्रताओं के क्रियान्वयन की सतत् निगरानी एवं मूल्यांकन करना। जांच में हितग्राहियों के पात्रताओं के उल्लंघन की स्वप्रेरणा से या शिकायत प्राप्त होने पर जांच सुनिश्चित करना। अपील सुनवाई में जिला शिकायत निवारण अधिकारी के आदेशों के विरूद्ध अपीलों की सुनवाई करना। सुझाव में केन्द्र तथा राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार को सूचना देना। राज्य खाद्य आयोग में सुरक्षा संबंधित निम्न प्रावधान किए गए। पीडीएस पात्रताएं-अन्त्योदय-प्राथमिकता, सामान्य परिवार हेतु। पोषण आहार सहायता- गर्भवती एवं शिशुवती महिलाएं तथा छह माह से छह वर्ष तक आयु के बच्चों हेतु। माध्यान्ह भोजन योजना- छह से 14 वर्ष तक के आयु के बच्चों अथवा कक्षा 8वीं तक स्कूली बच्चों हेतु। मातृत्व वन्दना योजना- प्रत्येक गर्भवती महिला को प्रथम संतान पर नगद पोषण सहायता। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा पोषण अधिनियम के अंतर्गत छात्रावास/आश्रम के बच्चों को पोषाहार सहायता एवं निगरानी सुनिश्चित करना। महिला एवं बाल विकास विभाग सचिव श्री आर.प्रसन्ना ने जानकारी दी कि खाद्य विभाग के समन्वय से महिलाओं एवं शिशु के पोषण संबंधित शिकायत पीडीएस कॉल सेंटर पर होगी दर्ज। जिससे उनके पोषण स्तर में वृद्धि होगी। पोषण की गुणवत्ता में सुधार होगी। इसी प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यान्ह भोजन से संबंधित शिकायतें दर्ज होगी एवं समय-सारणी में त्वरित निराकरण किया जाएगा। 
           श्री बाबरा ने राज्य खाद्य आयोग के बेहतर क्रियान्वयन के लिए लंबित शिकायतों को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। आयोग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता आएगी और प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचेगा। प्रत्येक जिलों में जिला अधिकारी को जिला शिकायत निवारण अधिकारी बनाया  गया है। प्रत्येक जिलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर संयुक्त संचालक खाद्य आयोग की मॉनिटरिंग करेंगे। बैठक में उचित मूल्य दुकान के लिए सर्तकता समितियों के गठन संबंधित मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। राज्य में शेष 632 दुकानों हेतु सर्तकता समिति का शीघ्र गठन किया जाए। प्रत्येक स्तर की समितियों की नियमित बैठक माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित किया जाएगा एवं कार्यवाही विवरण विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रत्येक पीडीएस सेंटर में खाद्यान्न का सेम्पल रखना एवं गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष देख-रेख करना। कार्यवाही विवरण दर्ज करने के लिए प्रत्येक दुकानों में निगरानी रजिस्टर रखना अनिवार्य होगा। सर्तकता समिति के सदस्यों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। राज्य खाद्य आयोग के वेबसाइट में शिकायत, सुझाव, स्थिति, प्रकरण स्थानांतरण के भी प्रावधान निहित होंगे। श्री बाबरा ने निर्देश दिए कि 15 दिन के अंदर लंबित शिकायतों का निराकरण, राशनकार्ड धारियों से संबंधित मामलें की कार्यवाही सभी जिला अधिकारी सुनिश्चित करें। 
      बैठक में राज्य खाद्य आयोग के सदस्य श्री अशोक कुमार सोनवानी, रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग संभाग के प्रत्येक जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, खाद्य अधिकारी, परियोजना अधिकारी, स्कूल शिक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।