सरकार देश में बिजली चालित वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश कर रही है : गडकरी

नई दिल्ली : केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार का उद्देश्य दुनिया के साथ मोटर वाहन उद्योग के निर्बाध एकीकरण की सुविधा देते हुए भारत में मुख्य वैश्विक दक्षताओं का निर्माण करना है। सरकार देश में बिजली चालित वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश कर रही है। ‘ऑटो सर्व 2020 के 9 वें संस्करण’ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस 2020-नई सामान्य स्थिति में अवसर’ के एक आभासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए, श्री गडकरी ने वाहन उद्योग से प्रदूषण कम करने के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे को हासिल करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने के लिए एक साथ मिलकर आगे आने को कहा।

उन्होंने सरकार द्वारा बिजली चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से बताया। इन कदमों में जीएसटी में 5% तक की कटौती, दोपहिया- तिपहिया वाहनों की लागत में से बैटरी की लागत को अलग करने की अनुमति क्योंकि यह कुल लागत का लगभग 30% होता है, आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि बैटरी चार्जिंग का पारिस्थितिकी तंत्र बहुत महत्वपूर्ण है और बिजली चालित यातायात की ओर लोगों को प्रेरित करने के लिए सरकार देश के लगभग 69 हजार पेट्रोल पंपों पर बिजली चालित वाहन को चार्ज करने का कम से कम एक कियोस्क स्थापित करने की योजना बना रही है।

गडकरी ने यह भी कहा कि, “सरकार अगले पांच वर्षों में भारत को वैश्विक मोटरवाहन उत्पादन केंद्र (ग्लोबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब) बनाने की दिशा में भी काम कर रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मेरा सपना है। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने में भी योगदान देगा।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अगले 5 वर्षों में वैश्विक मोटरवाहन उत्पादन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उनका मानना था कि ऐसा होना संभव है क्योंकि हमारे वाहन उद्योग ने विभिन्न डिजाइन एवं मॉडल, मजबूत अनुसंधान एवं विकास, विशाल बाजार, स्थिर सरकारी ढांचे और तेज एवं युवा इंजीनियरिंग दिमाग के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही दुनिया में दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक है।

इस क्षेत्र में भारी संभावनाओं को देखते हुए, सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तहत इस क्षेत्र के लिए 51,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि का प्रावधान किया है, जोकि 10 अग्रणी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि निकट भविष्य में मोटरवाहन के क्षेत्र में लगभग 25 मिलियन कुशल नौकरियों की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उद्योग अधिकतम रोजगार और विकास का सृजन करने जा रहा है।

गडकरी ने मोटरवाहन उद्योग से कहा कि वे फ्लेक्स इंजनों के निर्माण पर जोर दें, जिनमें ईंधन के रूप में पेट्रोल या एथॉनल/सीएनजी का उपयोग करने की बहुमुखी क्षमता होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय वाहन उद्योग को इस संबंध में ब्राजील और अमेरिकी वाहन उद्योगों के उदाहरण का अनुसरण करने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा उद्योग सीएनजी, हाइड्रोजन, बिजली जैसे वैकल्पिक और कम प्रदूषणकारी ईंधन द्वारा तैयार किये जा रहे अवसरों का सदुपयोग करेगा।

गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेस-वे पर ई-हाईवे बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग को बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए डबल डेकर बस सहित विभिन्न प्रकार के वाहन बनाने पर ध्यान देना चाहिए।