मध्यप्रदेश : निजी भूमि पर लगाए गए नए वृक्षों को बिना अनुमति काट सकेंगे

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रस्तावित वृक्षारोपण प्रोत्साहन अधिनियम 2020 के अंतर्गत किसानों एवं अन्य को उनके खेतों/निजी भूमियों पर लगाए गए नए वृक्षों को बिना अनुमति काटने की छूट होगी तथा वे अपनी भूमियों में सभी प्रजाति के वृक्ष लगा सकेंगे। वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन के लिए कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में प्रस्तावित वृक्षारोपण प्रोत्साहन अधिनियम 2020 के प्रावधानों संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में वन मंत्री श्री विजय शाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल आदि उपस्थित थे।

पेड़ काटने की अनुमति के लिए वर्तमान में 07 कानून

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में पेड़ काटने की अनुमति लेने के लिए 07 कानून है, जिनके चलते पेड़ काटने की अनुमति में किसानों आदि को बहुत दिक्कत आती है। पेड़ काटने की अनुमति तहसीलदार द्वारा वन विभाग की अनुशंसा पर दी जाती है, वहीं इमारती लकड़ी की टी.पी. वन विभाग द्वारा दी जाती है।

काष्ठ उत्पादन से बढ़ेगा स्वरोजगार

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों द्वारा अपने खेतों पर काष्ठ उत्पादन के लिए पेड़ लगाने, पेड़ काटने व परिवहन की सुविधा देने से किसानों को लाभ होगा तथा स्वरोजगार में वृद्धि होगी। काष्ठ उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। काष्ठ उत्पादन बढ़ने से वनों पर काष्ठ चोरी का दबाव भी कम होगा।

प्रस्तावित वृक्षारोपण अधिनियम 2020 महत्वपूर्ण प्रावधान

  • निजी भूमियों पर वृक्षारोपण के लिए सभी प्रजातियों के रोपण की खुली छूट।
  • उगाए गए वृक्षों को किसी भी उम्र में, बगैर किसी अनुमति के काट सकेगा।
  • अपने खेत/गांव में खुद का टाल स्थापित कर सकेगा जहां से काष्ठ की बिक्री इत्यादि कर सकेगा।
  • खेत से टाल तक इमारती काष्ठ के परिवहन पर छूट दी गयी है।
  • टाल में इमारती काष्ठ की प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर सकने की सशर्त सुविधा।
  • विनिर्दिष्ट वनोपज को भी काटने व टाल तक लाने की छूट।
  • विनिर्दिष्ट
    वनोपज की शासकीय ई-पोर्टल के माध्यम से खेत अथवा टाल से ही
    बिक्री करने व स्वयं बोली स्वीकार करने तथा सीधे भुगतान लेने की
    छूट।
  • वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन हेतु कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट।
  • सभी प्रकार के परिवहन अनुज्ञा पत्र कृषकों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्राप्त होंगे।