प्रधानमंत्री ने युवाओं से राजनीति में निस्वार्थ और रचनात्मक रूप से योगदान देने का आग्रह किया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से राजनीति में निस्वार्थ और रचनात्मक रूप से योगदान देने का आह्वान किया है। दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन सत्र को आज संबोधित करते हुएप्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति सार्थक परिवर्तन लाने का एक बड़ा माध्यम है और हर दूसरे क्षेत्र की तरह, राजनीति में भी युवाओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आश्वासन दिया कि आज, ईमानदार लोगों को सेवा करने का अवसर मिल रहा है, बेईमान गतिविधियों से सम्बंधित राजनीति की पुरानी धारणा बदल रही है। आज ईमानदारी और प्रदर्शन समय की जरूरत बन गए हैं।

इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने वंशवाद की राजनीति के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन लोगों पर बोझ बन गया है जिनकी विरासत भ्रष्टाचार थी। देश पारिवारिक सम्बन्धों के स्थान पर ईमानदारी को तरजीह दे रहा है और उम्मीदवार भी यह समझ रहे हैं कि केवल अच्छे काम ही मायने रखते हैं।

उन्होंने युवाओं से वंशवादी व्यवस्था को जड़ से खत्म करने का आह्वान किया। वंशवाद की राजनीति लोकतांत्रिक व्यवस्था में अक्षमता और तानाशाही को जन्म देती है क्योंकि ये वंश अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में परिवार को बचाने की दिशा में काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब एक नाम के सहारे चुनाव जीतने के दिन खत्म हो गए हैं, लेकिनवंशवाद-राजनीति की यह बीमारी अभी ख़त्म नहीं हुई है… राजनीतिक वंशवाद राष्ट्र को आगे बढ़ाने की बजाय स्वयं और परिवार को बढ़ावा देता है। यह भारत में सामाजिक भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है।”

प्रधानमंत्री ने युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया क्योंकि उनके आने से वंशवाद की राजनीति का अंत सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा, “हमारे लोकतंत्र को बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप राजनीति में आयें। स्वामी विवेकानंद के रूप में आपके पास एक महान मार्गदर्शक हैं और यदि उनकी प्रेरणा से हमारे युवा राजनीति में आते हैं, तो देश मजबूत होगा।”