पिछले 5 साल में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने उल्लेखनीय प्रगति की है: गोयल

नई दिल्ली : दो दिवसीय स्टार्टअप इंडिया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आज नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस उद्घाटन समारोह में भाग ले रहे बिमस्टेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) के देश भी शामिल हुए। सम्मेलन का आयोजन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अगस्त 2018 में काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में किए गए घोषणा की कड़ी में किया गया है।

सम्मेलन को उद्घाटन करते हुए, रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले , खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि शिखर सम्मेलन “पहले पड़ोस” की नीति का परिचायक है । इसके जरिए सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग का बढ़ावा देगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन स्टार्टअप की दुनिया के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए एक नई शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत के बाद से पिछले पांच वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बिमस्टेक देशों के बीच साझेदारी, स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। जो कि नए भारत, नई दुनिया, नए पड़ोसी में अपनी जगह बनाएंगे।

श्री गोयल ने कहा कि स्टार्टअप में नए विचार होते हैं, वह उत्साह दिखाते हैं और इन्नोवेशन के साथ आते हैं। इसलिए महामारी के दौर में बेहद सही समय में सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन आशा और प्रोत्साहन के साथ नए क्षितिज की ओर एक नई यात्रा की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा, “सरकार से सरकार और व्यापार से व्यापार के सहयोग से आगे बढ़कर, यह सम्मेलन स्टार्टअप से स्टार्टअप सहयोग को सुनिश्चित करेगा, विचारों के आदान-प्रदान और युवाओं को एक साथ मिलकर समस्याओं को हल करने का मौका देगा। जिससे इस क्षेत्र में समृद्धि और विकास का भी भरोसा बढ़ेगा।”

श्री गोयल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा उद्यमी प्रवृत्ति के हैं, जो नौकरी नहीं तलाशते हैं, बल्कि नौकरी पैदा करने वाले बन गए हैं। भारत में सरकार के पास 41,000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं लेकिन कई स्टार्टअप ऐसे हैं जो जमीनी स्तर पर बेहद अच्छा काम कर रहे हैं। गोयल ने कहा कि वह भारतीय पूंजीपतियों को शुरू से भारतीय स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने और उनका समर्थन करने के लिए अह्वाहन करते रहे हैं, लेकिन अब भारतीय निवेशकों और पूंजीपतियों से अनुरोध करेंगे कि वे बिमस्टेक स्टार्टअप की ओर भी देखें और उनका सहयोग करें।

मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत के साथ सभी बिमस्टेक देश निश्चित रूप से कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया में बहुत तेजी से विकास करेंगे। और विकास का एक नया वैश्विक क्षेत्र स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी हमेशा से स्टार्टअप को प्रोत्साहन दे रहे हैं। वह उन्हें एक इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसमें इन्नोवेशन, अविष्कार और उद्यमिता को जगह मिले। हम निश्चित रूप से ऐसा सिस्टम बनाने के लिए सभी जरूरी ऊर्जा प्रदान करेंगे। जिससे स्टार्टअप का मजबूत भविष्य तैयार हो सकेगा। इसके अलावा वह भारतीय निवेशकों को भी प्रोत्साहित करेंगे, कि वह ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप के साथ भागीदारी बढ़ाए। जिससे हम पूरी दुनिया को स्टार्टअप के लिए किए जा रहे प्रयासों को दिखा सकेंगे। जिन पर भविष्य का समृद्ध आर्थिक विकास टिका हुआ। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि बिमस्टेक देशों द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता निश्चित रूप से अन्य देशों में स्टार्टअप सिस्टम को प्रोत्साहित करेगी।

उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग में बड़ी संभावना है । इसके जरिए हम नए विचारों को समृद्ध और युवा दिमाग को नए विचारों, नए इन्नोवेशन , नए आविष्कारों के साथ काम करते हुए देखेंगे। स्टार्टअप की स्टार्टअप के साथ साझेदारी में बेहद संभावनाएं हैं। क्योंकि युवाओं के एक साथ मिलकर काम करने से नए-नए विचारों का उदय होगा, जो नई समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।

इस अवसर पर नागरिक उड्डयन, आवास और शहरी मामलों और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया पहल ने केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों में एक नई ऊर्जा पैदा की है, जो लगातार स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए अच्छी तरह से तैयार किए गए कार्यक्रमों को लेकर सामने आते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन एक-दूसरे के सर्वोत्तम कदमों और उससे होने वाले फायदे को सीखने के लिए स्टार्टअप को एक अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

सम्मेलन के दौरान वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने कहा कि सरकार स्टार्टअप के विकास और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस संबंध में विभिन्न सुधार और पहले की गई हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पूरी तरह स्टार्टअप इकोसिस्टम से जुड़ा हुआ है। मंत्री ने कहा कि सम्मेलन सभी स्टार्टअपों के एक साथ लाने, उन्हें हैंडहोल्डिंग करने, सहयोग करने और बढ़ने का एक शानदार अवसर दे रहा है।

बिमस्टेक के महासचिव एच.ई. श्री तेनजिन लेकफेल ने कहा कि सम्मेलन ने नेताओं, निवेशकों, विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, स्टार्टअप इनोवेटर्स और उद्यमियों को एक साथ आने का मंच दिया है। उन्होंने कहा कि जब भी मानवता ने चुनौतियों का सामना किया है, तो मानव की सरलता और उसके जुझारूपन ने दुनिया को संकट से उबरने के लिए रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण अर्थव्यवस्था, रोजगार, आजीविका, व्यापार और वाणिज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इस दौरान स्टार्टअप किसी भी समस्या का नए तरीके से निवारण और उसे जल्द से जल्द दूर करने की क्षमता के साथ आशा की किरण दिखाते हैं। उन्होंने सदस्य देशों से स्टार्टअप के लिए अनुकूल नीतियां बनाने और उनके सहयोग के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। श्री लेकफेल ने सुझाव दिया कि स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने के लिए इस तरह के सम्मेलन हर साल आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने बिमस्टेक सचिवालय में एक स्टार्टअप हब स्थापित करने का भी सुझाव दिया।

उद्घाटन सत्र को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बंग्लादेश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एच.ई. श्री जुनैद अहमद पलक, भूटान की शाही सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्री एच.ई. श्री ल्योनपो लोकनाथ शर्मा, संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री एच.ई. श्री लेखराज भट्टा, किंगडम ऑफ थाईलैंड की सरकार की नेशनल इन्नोवेशन एजेंसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ पुन-अरगचिरताना, और डीपीआईआईटी के सचिव डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र ने भी संबोधित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी कल वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से शाम 5 बजे स्टार्टअप के साथ बातचीत करेंगे और सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। सम्मेलन में 25 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 200 से अधिक वैश्विक वक्ता भागीदारी कर रह हैं। यह भारत सरकार द्वारा 2016 से आयोजित किए जा रहे स्टार्ट अप इंडिया सम्मेलन का अब तक का सबसे बड़ा संस्करण है। शिखर सम्मेलन में बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए 24 सत्रों का आयोजन किया गया है। जो कि स्टार्टअप इकोसिस्टम को सामूहिक रूप से विकसित करने और उसे मजबूत करने के लिए दुनियाभर के देशों के साथ सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा।