नई दिल्ली : केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय रेलवे ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल सेवा शुरू कर दी है।
यह मल्टी-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/कंसाइनी, मल्टी-लोडिंग/अनलोडिंग परिवहन सेवा है, जिसका उद्देश्य किसानों को बड़े स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराना है।
किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केन्द्रों को बाज़ार और उपभोक्ता केन्द्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है।
भारतीय रेलवे किसान रेल सेवा को औपचारिक रूप से शुरू करने की योजना बनाने के लिए कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। डिमांड संबंधी रुझान और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवा संचालित करना शुरू कर दिया है।
पहली किसान रेल सेवा को 07 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
इन किसान रेल गाड़ियों को निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार संचालित किया जाता है, और रास्ते में आने वाली किसी बाधा या देरी से बचाने के लिए इनकी समय की पाबंदी के पैमाने पर कड़ी निगरानी की जाती है। अब तक 18 रूटों पर इन सेवाओं की शुरुआत की जा चुकी है। 22 जनवरी 2021 तक 157 किसान रेल सेवाएं संचालित की जा चुकी हैं, जो 49000 टन से अधिक माल की ढुलाई कर रही हैं। अब तक जिन रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, वे रूट निम्नलिखित हैं:
रूट संख्या | कहां से-कहां तक | उद्घाटन की तिथि |
1 |
देवलाली से दानापुर (अब संगोला से मुज़फ्फरपुर) |
07-08-2020 |
2 | अनंतरपुर से आदर्श नगर, दिल्ली | 09-09-2020 |
3 | यशवंतपुर से निज़ामुद्दीन | 19-09-2020 |
4 | नागपुर से आदर्श नगर, दिल्ली | 14-10-2020 |
5 | छिंदवाड़ा से हावड़ा/न्यू तिनसुकिया | 28-10-2020 |
6 | संगोला से हावड़ा (सिकंदराबाद के रास्ते) | 29-10-2020 |
7 | संगोला से शालीमार | 21-11-2020 |
8 | इंदौर से न्यू गुवाहाटी | 24-11-2020 |
9 | रतलाम से न्यू गुवाहाटी | 05-12-2020 |
10 | इंदौर से अगरतला | 27-12-2020 |
11 | जालंधर से जिरानिया | 31-12-2020 |
12 | नागरसोल से न्यू गुवाहाटी | 05-01-2021 |
13 | नागरसोल से चितपुर | 07-01-2021 |
14 | नागरसोल से न्यू जलपाईगुड़ी | 10-01-2021 |
15 | नागरसोल से नौगचिया | 11-01-2021 |
16 | नागरसौल से फतुहा | 13-01-2021 |
17 | नौगरसौल से बैहाटा | 19-01-2021 |
18 | नागरसौल से मालदा टाउन | 20-01-2021 |
रेलवे भण्डार (पार्सल वैन) का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इन सेवाओं के बेहतर उपयोग की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।
मुख्य रूप से जिन वस्तुओं को किसान रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है, उनमें प्याज़, टमाटर, संतरा, आलू, अनार, केला, शरीफा, गाजर, शिमला मिर्च और अन्य सब्ज़ियां शामिल हैं।
किसान रेल के माध्यम से बुक की जाने वाली वस्तुओं पर ‘पी’ स्केल का माल शुल्क लगाया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ‘ऑपरेशन ग्रीन्स-टोप टू टोटल’ योजना के तहत किसान रेल के माध्यम से फल एवं सब्ज़ियों की ढुलाई पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। ये सब्सिडी कन्साइनर/किसान को अपने सामान की बुकिंग के समय पर ही दी जा रही है, ताकि ये लाभ बिना किसी झंझट और देरी के किसानों तक पहुंच सके।
किसान रेल गाड़ियों को संचालित करने के लिए आरआईटीईएस (राइट्स) द्वारा एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं का आकलन करेगी।