पहला आसियान – भारत हैकेथान 2021 सम्‍पन्‍न

नई दिल्ली : केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और विदेश मंत्री श्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने आसियान देशों के मंत्रियों और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों के साथ आसियान-भारत हैकेथॉन 2021 के पुरस्‍कार वितरण कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। इस हैकेथान में 10 आसियानदेशों और भारत के 300 से ज्‍यादा छात्रों, मार्गदर्शकों और अधिकारियों ने भाग लिया।

हैकेथान में भाग लेने वाले लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘सबसे पहले मैं उन लोगों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्‍होंने इस पहली आसियान-भारत हैकेथान में सफलतापूर्वक भाग लिया। मैं सभी आसियान देशों का धन्‍यवाद करता हूं, जिन्‍होंने इस अपनी तरह की पहली पहल में हिस्‍सा लिया। पिछले तीन दिनों से सभी 54 समूहों ने 11 समस्‍याओं को सुलझाने में कड़ी मशक्‍कत की और ज्‍यूरी तथा मार्गदर्शकों ने मुझे सूचित किया है कि वे इस हैकेथॉन के दौरान सभी प्रतिभागियों द्वारा किए गुणवत्‍तापूर्ण कार्य से बहुत प्रसन्‍न है। आसियान-भारत हैकेथॉन आसियान के दृष्टिकोण-विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार की कार्य योजना (एपीएएसटीआई) 2016-2025 के पूरी तरह अनुरूप है।

श्री पो‍खरियाल ने बजट में नवाचार और उद्यमिता पर ध्‍यान दिये जाने की प्रशंसा की और इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप, एसपीएआरसी, एसटीआरआईडीई, इम्‍प्रिंट तथा अन्‍य अनुसंधान योजनाओं के जरिए अनुसंधान इको-सिस्‍टम को बढ़ावा दिया जाए।

श्री पोखरियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत और आसियान देशों के बीच शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में संबंध मजबूत हुआ है। इस हैकेथॉन का एक मुख्‍य लक्ष्‍य सतत विकास की दिशा में काम करने को प्रोत्‍साहित करना और अपने देश को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार का सृजन करना था। आज भारत और आसियान देश ऊर्जा, तालमेल और अन्‍य देशों के साथ अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग का सबसे अच्‍छा उदाहरण बन गए हैं। अगर भारत और आसियान देशों के मानव और प्राकृतिक संसाधनों का उचित तरीके से उपयोग किया जाए, तो विश्‍व और मानवता मात्र के लिए बेहतरी के नए आयाम खुलेंगे।

विदेश मंत्री श्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने कहा, ‘आसियान भारत हैकेथॉन हमारे युवाओं के मस्तिष्‍क के विकास और ऊर्जा को बढ़ाने का एक अनूंठा मंच प्रदान करता है। यह इसके प्रतिभागियों के बीच सहयोग की भावना का संचार करने का श्रेष्‍ठ तरीका देता है और उन्‍हें राष्‍ट्रीय सीमाओं से परे जाकर विभिन्‍न दृष्टिकोणों और संस्‍कृतियों के बारे में जानकारी तथा कार्य नीति संबंधी मूल्‍य प्रदान करता है।’

एआईसीटीई के अध्‍यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘आसियान-भारत हैकेथॉन के इस पहले संस्‍करण को सफलतापूर्वक सम्‍पन्‍न कर पाना हमारे लिए गौरव का क्षण है। पिछले चार दिनों में हमने देखा कि किस तरह छात्र शिक्षा के क्षेत्र और ब्‍लू इकोनॉमी के द्वारा पेश चुनौतियों के लिए समाधान विकसित करते है। छात्रों ने कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता, मशीन लर्निंग, एआईएस डाटा और वास्‍तविक डाटा मॉनिटरिंग की मदद से ब्‍लू इकोनॉमी के क्षेत्र में नवाचार पहलों को तैयार करने के लिए कठिन परिश्रम किया।’

कार्यक्रम का समापन विजेता टीमों, रनर अप्‍स और अन्‍य प्रतिभागी टीमों के लिए प्रोत्‍साहन पुरस्‍कारों की घोषणा के साथ हुआ।

आसियान-भारत हैकेथॉन के इस पुरस्‍कार वितरण कार्यक्रम में आसियान देशों के कई गणमान्‍य लोगों ने भाग लिया। उनके नाम इस प्रकार हैं-

· ब्रूनेई के शिक्षा मंत्री माननीय बरहोरमत दातो सेरी सेतिया अवांग हाजी हमजा बिन हाजी सुलेमान

· कम्‍बोडिया के डाक एवं दूरसंचार मंत्री माननीय श्री चे वेंदेथ

· मलेशिया के उच्‍चशिक्षा मंत्री माननीय दातुक सेरी डॉक्‍टर नूरानी अहमद

· सिंगापुर के शिक्ष मंत्री माननीय श्री लॉरेंस वांग

· थाईलैंड के उच्‍च शिक्षा, विज्ञान, अनुसंधान औरनवाचार मंत्री माननीय डॉ. अनैक लोथामतास

· इंडोनेशिया के शिक्षा एवं संस्‍कृति मंत्रालय में उच्‍चतर शिक्षा महानिदेशक माननीय प्रोफेसर आई.आर. निजाम

· लाओ पीडीआर के शिक्षा एवं खेल मंत्रालय में उपमंत्री माननीय डॉ. फाउत सिम्‍मालावोंग

· वियतनाम के शिक्षा एवं प्रशिक्षण मंत्रालय में उपमंत्री माननीय श्री नूयेन वान फुक

· फिलिपीन के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव माननीय ग्रेगोरियो बी. होनासन-द्वितीय

मलेशिया के उच्‍च‍ शिक्षा मंत्री माननीय दातुक सेरी डॉक्‍टर नूरानी अहमद ने कहा, ‘मैं भारत सरकार को इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई देता हूं, जिससे युवा पी‍ढ़ी को इस कठिन समय में एक साथ मिलकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मंच मिला है।’

ब्रूनेई के शिक्षा मंत्री माननीय बरहोरमत दातो सेरी सेतिया अवांग हाजी हमजा बिन हाजी सुलेमान ने कहा, ‘भारत और आसियान देशों ने मानव संसाधन विकास, जन से जन-सम्‍पर्क और शिक्षा के क्षेत्र सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में दीर्घकालिक भागीदारी कायम की है।’

फिलिपीन के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव माननीय ग्रेगोरियो बी. होनासन-द्वितीयने कहा, ‘आज का विश्‍व एक नई किस्‍म की समस्‍याओं का सामना कर रहा है। इन समस्‍याओं का सामना करने के लिए उतने ही नए प्रौद्योगिकी समाधान लाने की जरूरत है। हम एक तेजी से बदलते समय में जी रहे हैं। वैश्विक रिश्‍तों में बढ़ती जटिलता और लगातार बदलती वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के इस दौर में हमें अपनी समस्‍याओं का समाधान करने के लिए नए दृष्टिकोण की जरूरत है।’

सिंगापुर के शिक्ष मंत्री माननीय श्री लॉरेंस वांग ने कहा, ‘एक समय पर महामारी का यह दौर समाप्‍त होगा, लेकिन जो समस्‍याएं हमारे सामने पेश है, उनका वहां अंत नहीं होगा। जलवायु परिवर्तन विश्‍व के लिए और खासतौर से आसियान देशों के लिए चिंता का बायस बना रहेगा। जिस तरह हम कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट हुए उसी एकजुटता के साथ हमें इस समस्‍या का भी मुकाबला करना होगा।’

आसियान और भारत के जिन छात्रों ने हैकेथॉन में भाग लिया। वह इस बात से बहुत प्रसन्‍न थे कि भारत के शिक्षा मंत्रालय ने उन्‍हें यह अवसर प्रदान किया।

हैकेथॉन ने भाग लेने के लिए इंडोनेशिया से आये छात्र सिहसियाह रोहिदा ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से हम असल में एक रोमांचक काम कर रहे थे। मैं नये लोगों से मिला हूं और मैंने उनके साथ काम किया है।’’ इस छात्र की टीम ने ‘इमेज प्रोसेसिंग का इस्‍तेमाल कर समुद्री कचरे की मात्रा से निपटने’ के लिए एक समाधान प्रस्‍तुत किया।

कंबोडिया के छात्र सियुन सियुफिंगा ने कहा कि “यह हैकेथॉन उनके लिए अपनी तरह का पहला अनुभव रहा है।

वियतनाम से एक छात्र प्रतिभागी दिन्ह थान ह्येनने कहा, “मैंने इस हैकेथॉन प्रक्रिया का आनंद लिया और मैं इस तरह के अन्‍य अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्‍सुक हूं”।

फिलीपिंस की एक छात्रा प्रतिभागी क्लेरीसे जोहान सोलिस ने कहा, “यह प्रक्रिया श्रम साध्‍य लेकिन दिलचस्प थी, यह वास्तव में एक शानदार और सार्थक अनुभव था।” उसने कहा कि सीमाओं के फिर से खुलनेपर वह एक बार भारत की यात्रा करना चाहती है।

आसियान-भारत हैकेथॉन 2021 का लक्ष्य भारत और आसियान देशों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकीऔर शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है। ब्लू इकोनॉमी और शिक्षा के दो व्यापक विषयों के मामले में सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव समाधान प्रदान करने की इस अनूठी पहल में सभी आसियान देशों ने भाग लिया। इस आसियान-भारत हैकेथॉन में भारत के साथ-साथ सभी 10 आसियान देशों के छात्रों की टीमों ने भाग लिया। इन टीमों में 330 छात्र और 90 संरक्षक शामिल थे। छात्रों को 54 टीमोंमें विभाजित किया गया था, जिनमें लगभग सभी देशों का प्रतिनिधित्‍व था। प्रत्येक टीम में छह छात्र और दो संरक्षक शामिल थे। इन विविध टीमों ने विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों और सरकारी निकायों द्वारा प्रदान की गई 11 समस्याओंके लिए सबसे अच्छा समाधान विकसित करने का प्रयास किया।

शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्‍ठ,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (विदेश मंत्रालय) और आसियान देशों के सहयोग से आसियान-भारत हैकेथॉन का आयोजन किया। कोविड-19 के प्रतिबंधों के कारण, हैकथॉन को उसडिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऑनलाइन आयोजित किया गया,जिसे स्वदेशी रूप से शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्‍ठ ने विकसित किया था।