अंततः जनपद पंचायत सीईओ पलारी सस्पेंड

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने छत्तीसगढ़ सेवा आचरण नियम *1965,3,5* ( 1) के विपरीत होने पर 19966 नियम 9 के तहत प्रभाव से निलंबित किया
पलारी जनपद पंचायत सीईओ लखन लाल सोनवानी ने रविवार अवकाश होते हुए भी पद का दुरुपयोग करते हुए ने नोटिस जारी कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुभाग अधिकारी उप अभियंता विकास विस्तार अधिकारी तकनीकी सहायकों ,डाटा एंट्री ऑपरेटर समेत करीब 3 दर्जन लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी

बलौदाबाजार(अर्जुनी)- संसदीय सचिव एवं कसडोल विधायक शकुंतला साहू के जन्म दिवस के आयोजन हेतु सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी रविवार को अवकाश होने के बावजूद लगाने का आदेश जारी करने वाले जनपद पंचायत सीईओ लखन लाल सोनवानी को अंततः छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया गौरतलब है कि विधायक शकुंतला साहू का जन्म दिवस 7 फरवरी को मनाया गया था इस हेतु पलारी जनपद पंचायत सीईओ ने एक नोटिस जारी कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुभाग अधिकारी उप अभियंता विकास विस्तार अधिकारी तकनीकी सहायकों ,डाटा एंट्री ऑपरेटर समेत करीब 3 दर्जन लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी

यही नहीं बकायदा इन अधिकारी कर्मचारियों को कार्यक्रम स्थल पर मंच व्यवस्था जलपान सैनिटाइजर पार्किंग व्यवस्था समेत अन्य कार्य हेतु जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी जैसे ही इस बात की सूचना सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म में वायरल हुई जिला प्रशासन में इस बात को लेकर खलबली मच गई जिसके बाद चौतरफा आलोचनाओं से घिरे जिला प्रशासन को संसदीय सचिव के जन्मदिवस के साथ आयोजित महिला सम्मेलन का कार्यक्रम भी निरस्त करना पड़ा था वही सोशल प्लेटफॉर्म पर भी संसदीय सचिव शकुंतला साहू के जन्मदिन बनाये जाने को लेकर लगातार चर्चा में रहने के संबंध में कई तरह की बातें लिखे जा रही।

इस पर क्या बोली: विधायक शकुंतला

यद्यपि संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि जनपद पंचायत में केवल महिला सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था मेरे जन्मदिन मनाया जाने संबंधी आदेश की जानकारी मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई थी वहीं सोमवार को उपसचिव छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक आदेश जारी कर संसदीय सचिव शकुंतला साहू के जन्मदिवस पर जनपद पंचायत कार्यालय परिसर में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दायित्व सौंपने वाले लखन लाल सोनवानी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 3,5(1) होने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया ।