नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल विश्राम सदन, एम्स, नई दिल्लीमें रह रहे निराश्रित लोगों में, कंबल, मास्क और साबुन वितरित किए। रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव श्री आर.के.जैन, एम्स के निदेशक प्रोफेसर आर.गुलेरिया और एम्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने सर्दी के मौजूदा मौसम के दौरान जरूरतमंद लोगों में कंबल बांटने की पहल करने के लिए इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी (आईआरसीएस) को धन्यवाद दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात का स्मरण किया कि आईआरसीएस वर्ष 1920 से ही जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मानवीय प्रयासों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। इसका कार्य केवल आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्था अनेक सामाजिक विकास गतिविधियां भी नियमित रूप से चलाती है। रेडक्रॉस ने लॉकडाउन के दौरान सरकार के प्रयासों में योगदान दिया है और लॉकडाउन में फंसे लोगों की भी मदद की है। इसके अलावा इसने इस महामारी के दौरान रक्त की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है।
कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड की रोकथाम के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। भारत सरकार ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन स्वदेशी रूप से विकसित है। यह तथ्य हमारे देश की महान क्षमता को भी दर्शाता है और प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को भी बढ़ावा देता है।
कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में आईआरसीएस की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे मुझे गर्व का अनुभव होता है कि आईआरसीएस कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मौजूदा कोविड-19 आपातकालीन स्थिति के लिए आईआरसीएस द्वारा व्यापक गतिविधियों के साथबहु-आयामी प्रतिक्रिया के अलावा स्वयंसेवकों की प्रतिबद्धता और लगातार दी गई सेवाएं एक संगठन के रूप में आईआरसीएस की क्षमता का सबूत है। आईआरसीएस ने पूरे देश में 500 से अधिक जिलों में 40,000 से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया, जिन्होंने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में व्यापक योगदान दिया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संबोधन के अंत में सभी स्वयंसेवकों, इस अभियान में शामिल और अन्य सभी भागीदारों, हितधारकोंऔर भारत के एक सबसे बड़े सांविधिक और मानवीय संगठन के रूप में आईआरसीएस के मानवीय एजेंडा में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।