प्रधानमंत्री ने भारत और बांग्लादेश के बीच ‘मैत्री सेतु’ का उद्घाटन किया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच “मैत्री सेतु” का उद्घाटन किया। उन्होंने त्रिपुरा में और भी कई विविध आधारभूत संरचनाओं का उद्घाटन किया और उनकी आधारशिला रखी। इस अवसर पर त्रिपुरा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। साथ ही इस अवसर पर बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा पिछली सरकारों के 30 वर्ष और पिछले तीन वर्षों की ‘डबल इंजन’ सरकार के बीच अंतर को महसूस कर रहा है। बीते सालों की भ्रष्टाचार और कमीशन संस्कृति के बदले अब मिलने वाले लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जा रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जिन कर्मचारियों को समय पर उनका वेतन नहीं मिलता था, उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार नियमित समय पर वेतन भी दिया जा रहा है। पहली बार त्रिपुरा में कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्णय लिया गया है जबकि इससे पहले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने पिछली सरकारों के दौरान व्याप्त हडतालों की परिपाटी के स्थान पर अब कारोबार में सुगमता के वातावरण का भी उल्लेख किया। अब आ रहे निवेशों से उद्योगों में पहले होने वाली तालाबंदी का माहौल भी बदला है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा से होने वाले निर्यात में भी पांच गुना वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 06 वर्षों में केंद्र सरकार ने त्रिपुरा के विकास के लिए हर आवश्यकता का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लिए केन्द्रीय आबंटन में अच्छी खासी वृद्धि की गई है। केन्द्रीय विकास योजनाओं के लिए त्रिपुरा को 2009-2014 की अवधि में 3500 करोड़ रूपये मिले थे जबकि 2014- 2019 की अवधि में राज्य को 12,000 करोड़ रूपये से अधिक उपलब्ध कराए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘डबल इंजन’सरकारों के लाभ गिनाए। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में ‘डबल इंजन’ सरकार नहीं है वहां गरीबों, किसानों और महिलाओं के कल्याण के लिए लागू योजनाओं पर बहुत धीमी गति से काम हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार त्रिपुरा को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस ‘डबल इंजन’ सरकार ने त्रिपुरा को बिजली की कमी वाले राज्य से अब फ़ालतू बिजली वाले राज्य में बदल दिया है। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा राज्य में आये परिवर्तन भी गिनाए – जैसे 02 लाख ग्रामीण परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए उन्हें पाईपलाइन से जोड़ना, 2.5 लाख निशुल्क गैस कनेक्शन दिया जाना, त्रिपुरा के हर गांव को खुले में शौच से मुक्त करना, 50 हजार गर्भवती महिलाओं को मातृ वन्दना योजना के लाभ मिलना और 40 हजार निर्धन परिवारों को उनके नए घर मिलना इत्यादि।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में आपसी सम्पर्क से सम्बन्धित आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। उन्होंने त्रिपुरा में हवाई अड्डे के लिए तेजी से हो रहे काम, समुद्र के जरिए इन्टरनेट सुविधा, रेलवे लाइन पहुंचाना और जलमार्गों का हवाला दिया। उन्होंने हीरा- एचआईआरए विकास अर्थात राजमार्ग-हाईवे, आई-वे, रेलवे और वायुमार्ग-एयरवे का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सम्पर्क से न केवल मित्रता प्रगाढ़ हो रही है बल्कि व्यापार के लिए भी यह एक मजबूत कड़ी सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा किइस समूचे क्षेत्र को पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले वर्षों के दौरान रेललाइनों और नदीजल मार्गों के जरिये परिवहन और सम्पर्क की पूरी हुई परियोजनाओं को इस सेतु (पुल ) से और ताकत मिली है। इससे त्रिपुरा के साथ-साथ दक्षिणी असम, मिजोरम और मणिपुर का बांग्लादेश और दक्षिणपूर्व-एशिया से परस्पर सम्पर्क में और बढ़ोत्तरी होगी। श्री मोदी ने कहा कि इस सेतु से बांग्लादेश में भी आर्थिक उन्नति के अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने इस सेतु परियोजना के पूरा होने में सहयोग देने के लिए बांग्लादेश सरकार और वहां के प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस सेतु के निर्माण के लिए आधारशिला उनकी पिछली बांग्लादेश यात्रा के दौरान रखी गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पूर्वोत्तर भारत के निवासियों को अब किसी भी प्रकार की आवश्यकता की पूर्ति के लिए केवल सडक मार्ग पर निर्भर नहीं रहना होगा। उन्होंने कहा कि नदी के रास्ते वैकल्पिक मार्ग के रूप में बांग्लादेश के चिटगांव बन्दरगाह को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भंडारण और ट्रांस-शिपमेंट सुविधाओं के साथ सबरूम में आईसीपी एक पूर्ण रूप से सुसज्जित लौजिस्टिक हब के रूप में काम करेगा।

फेनी नदी के ऊपर बने इस पुल के कारण अब अगरतला भारत के किसी भी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बन्दरगाह के सबसे निकट का नगर हो जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-08 और राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-208 के चौडीकरण के लिए जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गयी थी उनके पूरा होने के बाद पूर्वोत्तर भारत के बन्दरगाहों से सम्पर्क और सुधर जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है वे त्रिपुरा को एक बेहतर नगर बनाने का प्रयास हैं। नए समेकित कमान केंद्र से यातायात से जुडी समस्याओं और अपराधों को रोरोकने में सहायता मिलेगी। इसी प्रकार बहुमंजिली पार्किंग, वाणिज्यिक परिसर और हवाई अड्डे को जोड़ने वाली सड़कों के चौडीकरण की आज उद्घाटन की गई परियोजनाओं से अगरतला में जीवन स्तर में सुधार और कारोबार में सुगमता में बहुत हद तक सुधार होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से दशकों पुरानी ब्रू शरणार्थी समस्या का समाधान हो पाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 600 करोड़ रुपयों के पॅकेज से ब्रू समुदाय के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि अगरतला हवाई अड्डे का नाम महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य के नाम पर किया जाना उनकी त्रिपुरा के विकास के लिए दूरदृष्टि के सम्मान का परिचायक है। प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा की समृद्ध संस्कृति और साहित्य की सेवा में रत थांगा दारलोंग, सत्यराम रीआंग और बेनिचन्द्र जमातिया जैसी विभूतियों को सम्मानित करने का अवसर देने के पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांस पर आधारित स्थानीय कलाओं को प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे स्थानीय आदिवासियों को नए अवसर मिलेंगे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने शासन के तीन वर्ष पूरे करने पर त्रिपुरा सरकार को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार त्रिपुरा के निवासियों की सेवा करती रहेगी।