नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ में विभिन्न सुविधाओं का शुभारंभ किया। डॉ. हर्षवर्धन ने संस्थान के विभिन्न विभागों में बच्चों और बुजुर्गों की ओरल हेल्थ केयर (ओएचएससी-पीजीआईएमईआर), एडवांस्ड पीईटी सीटी सुविधा, एडवांस वैस्कुलर इंटरवेंशनल लैब, 384 स्लाइस ड्यूल सोर्स सीटी स्कैन और रिफ्रैक्टिव सर्जरी सूट (एसएमईएल) इकाइयों का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पीजीआईएमईआर भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है, जो देश के सभी पांच उत्तरी राज्यों में विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने चिकित्सा पेशेवरों और वैज्ञानिक समुदाय को चुनौतियों से ऊपर उठकर कोविड-19 से लड़ने और इतने कम समय में एक वैक्सीन विकसित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पीजीआई को दुनिया में ‘सबके लिए स्वास्थ्य’ की ओर बढ़ने के लिए एक सफल मॉडल तैयार करना चाहिए और इसे अन्य संस्थानों का मार्गदर्शन करना चाहिए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह भी कहा कि पीजीआई को वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक नई यात्रा के साथ-साथ नई दृष्टि विकसित करनी चाहिए। इससे संस्थान का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
ओएचएससी-पीजीआईएमईआर के बारे में उन्होंने कहा कि इस संसाधन केन्द्र का एकमात्र उद्देश्य चंडीगढ़ में बच्चों और बुजुर्गों को ओरल स्वास्थ्य देखभाल का एक मॉडल तैयार करना है और इसके बाद पूरे देश में इस मॉडल की प्रतिकृति बनाने में राष्ट्रीय ओरल स्वास्थ्य कार्यक्रम का समर्थन करना है। उन्होंने कहा कि संस्थान का ओएचएससी देश की ओरल बीमारी के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 20 मार्च, 2021 को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में बच्चों और बुजुर्गों के ओरल स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय स्रोत केन्द्र का उद्घाटन कर रहे थे। पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगत राम भी उपस्थित थे।
विश्व ओरल स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सस्ती, सुलभ और समान ओरल स्वास्थ्य देखभाल के लिए सभी के लिए ‘‘मनोनुकूल ओरल स्वास्थ्य’’ की दिशा में एक सुव्यवस्थित राष्ट्रीय ओरल स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनओएचपी) की परिकल्पना की है। उन्होंने कहा कि नेशनल ओरल हेल्थ पॉलिसी को एनएचएचपी के तहत तैयार किया गया है और जल्द ही इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 20 मार्च, 2021 को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में उन्नत पीईटी-सीटी सुविधा का उद्घाटन करते हुए।
पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगत राम भी उपस्थित थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एडवांस पीईटी-सीटी सुविधा में नव-स्थापित अत्याधुनिक रोबोट-असिस्टेड पीईटी/सीटी निर्देशित हस्तक्षेप डिवाइस से बायोप्सी के लिए घावों को तत्काल 3-डी स्वरूप में देखा जा सकता है; इसमें सुई का कम-से-कम इस्तेमाल होता है, जटिल प्रक्रियाओं के दौरान पंक्चर और स्कैन बार-बार दिखते हैं। एडवांस्ड वास्कुलर इंटरवेंशन लैब के बारे में, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पीजीआईएमईआर का कैथ लैब स्ट्रोक के रोगियों के प्रबंधन में सुधार के लिए हाईटेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से सुसज्जित अपनी तरह की पहली सुविधा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 20 मार्च, 2021 को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में एडवांस्ड वास्कुलर इंटरवेंशनल लैब का उद्घाटन करते हुए। पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगत राम भी उपस्थित हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पीजीआई ने 384 स्लाइस, ड्यूअल सोर्स का अधिग्रहण किया है, जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सबसे तेज अत्याधुनिक सी.टी. स्कैन मशीन है। यह उन रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो गंभीर रूप से बीमार हैं, आघात के मरीज हैं, या जिन बच्चों को सांस लेने में कठिनाई होती है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन 20 मार्च, 2021 को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में ड्यूअल सोर्स सीटी स्कैन का उद्घाटन करते हुए।
पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगदीश राम भी उपस्थित हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हाल ही में स्माइल (स्माल इंसीजन लेंटिक्युलर एक्सट्रैक्शन) प्रक्रिया के माध्यम से चश्मा हटाने के लिए खरीदे गए अत्याधुनिक फेमटो-सेकेंड लेजर विजुमैक्स से चश्मे वाले रोगियों के लिए न्यूनतम दुष्प्रभाव और सर्वोत्तम दृश्य परिणाम सुनिश्चित होता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 20 मार्च, 2021 को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में रेफ्रेक्टिव सर्जरी सूट (एसएमईएल) का उद्घाटन करते हुए। पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगत राम भी उपस्थित हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की पूरी टीम को भी बधाई दी। आयोजन के दौरान संस्थान के विभिन्न विभागों के प्रमुख भी उपस्थित थे।
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ 1962 में अस्तित्व में आया था। संस्थान संसद के अधिनियम (1966 का अधिनियम 51) के तहत एक स्वायत्त संस्थान बन गया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत कार्य कर रहा है।