मास्को। वेनेजुएला में सत्ता संघर्ष के बीच रूस और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को वेनेजुएला में बल प्रयोग करने वाले किसी भी धमकी और अमेरिकी हस्तक्षेप के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। रूस की इस धमकी के बाद दुनिया में दो ताकतवर देश आमने-सामने आ गए हैं। अब अमेरिका इस धमकी को किस रूप में लेता है यह तो वक्त बताएगा, लेकिन दुनिया में एक बार फिर शीत युद्ध की आहट की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है।
लावरोव ने मंगलवार को अपने एक बयान कहा कि उनका देश वेनेजुएला के आंतरिक मामले में किसी तरह का अमेरिकी हस्तक्षेप और धमकी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह सरासर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। रूसी विदेश मंत्री ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह वेनेजुएला के घरेलू मामले में किसी तरह के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि ‘वह संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप वेनेजुएला के मुद्दे पर अमेरिका से वार्ता के लिए तैयार हैं।’
वेनेजुएला में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच रूसी विदेश मंत्री का यह बयान काफी अहम है। यह बयान ऐसे समय आया है जब एक सप्ताह पूर्व कोलंबिया में दोनों देशों की सीमा रेखा पर अमेरिकी सहायता को वेनेजुएला के सैनिकों ने रोक दिया था। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिकी सहायता को राजनीतिक प्रदर्शन की संज्ञा दी थी। साथ ही वेनेजुएला की सेना ने घोषणा की कि देश की रक्षात्मक क्षमता को मजबूत करने के लिए वह सैन्य अभ्यास शुरू करेगा। इन घटनाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहा था कि वेनेजुएला में सैन्य हस्तक्षेप का एक विकल्प खुला हुआ है। रूसी विदेश मंत्री का यह बयान इन घटनाओं से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि राष्ट्रपति मादुरो का अमेरिका के प्रति यह स्टैंड हालात को और जटिल बना सकता है।