गरियाबंद जिले में कोविड-19 का टीकाकरण जोरों पर

गरियाबंद। गरियाबंद जिले में कोविड-19 का टीकाकरण कार्य जोरों पर किया जा रहा है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा के लिए 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के सभी लोगों को चिन्हाकित चिकित्सकीय संस्थाओं में टीका लगाया जा रहा है। कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर द्वारा कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने कहा कि राज्य में बड़ी तेजी के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। इस हेतु उन्होने 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के नागरिकों को उनके नजदीक के कोविड टीकाकरण केंद्र में पहुॅचकर अपना आधार कार्ड दिखाकर कोविड-19 का टीका लगवाने की अपील की है। इसी तरह उन्होने 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का वैक्सीनेशन कराने के लिए स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जनपद पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा अन्य विभाग के मैदानी अधिकारियों को वैक्सीनेशन हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने टीकाकरण केंद्र में सोशल डिस्टेसिंग और टीकाकरण के बाद प्रविष्टि आदि के संबंध में भी निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि वैक्सीनेशन के संबंध में आम लोगों को पूरी जानकारी देना जरूरी है। टीके का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पडता। बिना किसी डर के टीका लगवाये। उन्होने वैक्सीनेशन के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी आम लोगों तक पहुॅचाये। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार कराना भी सुनिश्चित करने कहा है ।

टीकाकरण के लिए जिले के कुल 30 सेशन साइट में 1209 लोगों को टीका लगाया गया है । आज टीकाकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। लोगों द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर से लेकर नगरी निकाय में उत्साह के साथ टीका लगाया जा रहा है। जिले के सभी विकास खंडों में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग किया जा रहा है ,अनुविभागीय अधिकारियों को भी सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं । इसके अलावा कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए हैं । ज्ञात है कि वैक्सिन की पहली डोज के बाद 6 से 8 सप्ताह के बाद दूसरा डोज लगाना है । वैक्सीन लगाने के बाद भी कोरोना के गाइडलाइन जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि को व्यवहार में लाना अनिवार्य है ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके ।