अस्पताल में देरी से पहुंचना कोरोना से मौत का प्रमुख कारण

इसलिए भर्ती के दिन ही हो जा रही ज्यादातर मौतें

अब तक 238 लोगों की हो चुकी कोरोना से मौत

प्रशासन ने किया मौत के कारणों का विश्लेषण

बीमारी न छिपाकर इलाज के लिए सामने आने कलेक्टर की अपील

45 वर्ष से ज्यादा उम्र के 60 प्रतिशत लोगों को लग चुका पहला टीका

1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीके की तैयारी
बलौदाबाजार – कोरोना की दूसरी लहर से जिले में मौत की संख्या में एकाएक इज़ाफा दर्ज किया गया है। प्रतिदिन लगभग 10 लोग काल-कवलित हो रहे हैं। दूसरी लहर के पिछले सप्ताह में हुई मौत के आंकड़ों ने प्रशासन की चिन्ता बढ़ा दी है। जिले में अब तक कोरोना से 238 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन ने मौत सहित कोरोना के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। जिसमें प्रमुख तथ्य यह उभरकर सामने आया है कि मरीज़ बीमारी के अंतिम अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे हैं। उनकी मौत अस्पताल में भरती के दिन ही अथवा इसके दूसरे दिन रिकार्ड की गई है। इनका कारण यह हो सकता है कि शुरुआत में वे लक्षणों को छुपा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर झोला-छाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे होते हैं। जब स्थिति अत्यंत गंभीर एवं नियंत्रण से बाहर होने लगती है तब वे अस्पताल की ओर रुख करते हैं। तब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के हाथों से भी मामला निकल चुका होता है। ऐसी हालात नहीं आने देने की अपील जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने की है।
कलेक्टर ने कहा है कि कोरोना बीमारी के प्रति प्रशासन संजीदा है। कोरोना की पहचान से लेकर इलाज तक की जिले में पुख्ता इंतजाम है। विकासखण्ड मुख्यालयों में लगभग 800 बिस्तर के कोविड केयर सेण्टर स्थापित होकर अच्छे से काम कर रहे हैं।जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के नई मण्डी परिसर में भी 600 बिस्तर अस्पताल बहुत जल्द काम करने लगेगा। प्रशासन युद्धस्तर पर इसे शुरू करने के काम में लगा हुआ है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि इस बीमारी को हल्के में न लें। इसे न छुपाएं। लक्षण का जरा भी आभास होते ही तुरन्त कोरोना जांच कराएं। नजदीक के सरकारी प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच की निःशुल्क व्यवस्था कर रखी है। सिरदर्द, बदनदर्द, सर्दी, खांसी, बुखार, स्वाद न होना आदि कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण हैं। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए अनुशंसित प्रोटोकॉल का हमें हर पल पालन करना होगा। हमेशा मास्क का उपयोग, हर एक घण्टे में साबुन से हाथ धोना और भीड़-भाड़ से दूर रहना कोरोना से बचाव का रामबाण उपाय सिद्ध हुए हैं।
45 वर्ष से ज्यादा उम्र के 60 प्रतिशत लोगों को लग चुका पहला टीका
जिले में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लगभग 60 प्रतिशत लोगों को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है। यह काम पहली अप्रैल से जिले में शुरू हुआ है। 45 से ज्यादा उम्र के 2.88 लाख लोगों को जिले में टीका लगाने का लक्ष्य है, इसमें से 22 तारीख तक 1.72 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं। कलेक्टर ने बताया कि 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के भी टीकाकरण शुरू हो जाएंगे। इसकी कार्य-योजना तैयार की जा रही है। फिलहाल टीकाकरण की गति कुछ धीमी हो गई है। कलेक्टर ने इसे बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। उनहोने कहा कि कोरोना से बचाव का यह महत्वपूर्ण उपाय है। इसलिए हर पात्र व्यक्ति को टीके अवश्य लगा लेने चाहिए। उन्होंने अफसरों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवी संस्थाओं को लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का भी आग्रह किया है। कलेक्टर ने कहा कि इस दौर में टीकाकरण ही है, जो बचाव के लिए कवच का काम करेगा। अफवाहों से दूर रहकर टीका जरूर लगवाएं। चूंकि 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के टीके लगने शुरू हो जाएंगे। इसलिए भीड़-भाड़ से बचने के लिए 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के तमाम लोगों को इसके पहले टीका लगवा लेनी चाहिए। केन्द्रों पर टीके की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में स्टॉक मौजूद है।गांव वाले अपने आस पास नजर रखें कि कौन पॉजिटिव आये हैं। उन्हें समझाइश दें कि वे ठीक होते तक घर में ही रहें। कोई आवश्यकता हो तो उनकी सहयोग करें।