इन्दिरा गांधी का आपातकाल घोषित था, जिसका अन्त भी तय था पर वर्तमान में जिस आपातकाल में जी रहे हैं, उसका कोई अन्त नहीं – विकास उपाध्याय

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने 46 साल पूर्व देश में लगे आपातकाल को याद कर कहा, भाजपा अतीत के दिनों को याद कर वर्तमान में जहर घोलने का काम कर रही है। जबकि इन्दिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल घोषित था, जिसमें यह तो पता था कि इसका अन्त कब होगा परन्तु आज हम मोदी के शासन काल में जिस अघोषित आपातकाल से गुजर रहे हैं, उसका कोई अन्त नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकल शासन भविष्य के लिए खतरा है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने भाजपा नेताओं द्वारा इन्दिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को याद कर जिस तरह का जहर वर्तमान में घोला जा रहा है, पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की स्थितियाँ बदल गई हैं, विदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्दर में मोदी सरकार पर संविधान और लोक तांत्रिक व्यवस्थाओं को किनारे करने का आरोप लग रहा है। लगातार वर्तमान काल में लोक तांत्रिक व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। भाजपा के जो नेता इन्दिरा गांधी के वक्त आपातकाल में मीडिया की स्वतंत्रता छीन जाने की बात कर रहे हैं उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि वही स्थिति आज भी है। कई ऐसे पत्रकार हैं, जिन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत की, उन्हें राष्ट्र द्रोह का धारा लगाकर सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। विश्वसनियता मीडिया की सबसे बड़ी चुनौती है और भारत को अपने वैश्विक ब्राण्ड स्थापित करने की जरूरत है। परन्तु इस दौर में मीडिया संघर्ष के कगार पर है।

विकास उपाध्याय ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकल शासन भविष्य के लिए खतरा है। बीजेपी की केन्द्र सरकार में केबिनेट मंत्री या केबिनेट में संयुक्त रूप से विचार विमर्श की बात केवल कागजों पर है। यहाँ तक कि पिछले साल जब देश भर में लाॅकडाउन की घोषणा की गई तो यह बात सिर्फ मोदी को पता था। उन्होंने कहा, सभी सियासी दलों को वर्तमान जैसी आपातकालीन स्थिति बनने के खिलाफ आवाज एक करनी चाहिए। ऐसी सतर्कता ही वर्तमान आपातकाल को रोक सकती है। अंग्रेजों को निकाल बहार करने के लिए कांग्रेस ने लड़ाई लड़ी। मैं उम्मीद करता हूँ कि इस माद्दा से देश की गरीबी को दूर किया जाएगा, परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। आजादी केवल सम्पन्न लोगों तक सीमट कर रह गई है। छ.ग. में भाजपा के नेता विपक्ष की आवाज को दबाने आपातकाल से जोड़ कर देख रहे हैं। मैं पूछता हूँ छत्तीसगढ़ में विपक्ष है ही कहाँ, जिसे दबाया जाए। वह तो भूपेश सरकार की अच्छे कार्यकलापों में गुम हो कर रह गई है।