रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज धमतरी जिला के नगरी विकासखण्ड के अंतिम छोर पर ओड़िशा राज्य की सीमा से लगे ग्राम घुटकेल में गोंडवाना समाज के वार्षिक महासम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नगरी क्षेत्र की पहचान दुबराज धान की खुशबु को फिर से लौटाया जायेगा। इसके लिए नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना की मदद से जैविक खाद एवं कम्पोस्ट खाद का उपयोग करते हुए दुबराज धान की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा तथा इसके विक्रय के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी पर आधारित मॉडल का अवलोकन किया और सराहना की। मुख्यमंत्री कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश के सबसे समृद्धशाली राज्य में एक बनेगा।
श्री बघेल ने महासम्मेलन का शुभारंभ गोंडवाना समाज के देवी-देवता भंगाराम बाबा, लिंगो बाबा, गादी माई, दंतेश्वरी माई, मुंदरा माई का पूजा-अर्चना कर किया। समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को महुआ फुल की माला और गंवरसिंग मुकुट पहनाया।
मुख्यमंत्री ने नगरी क्षेत्र के विकास के लिए कई अहम घोषणाएं की, जिनमें नगरी में सिविल अस्पताल, ग्राम बोराई में 6-20 बिस्तर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, ग्राम रिसगांव में उपार्जन केन्द्र की स्थापना, नगरी में गोंडवाना कॉम्पलेक्स भवन, ग्राम घुटकेल में सामुदायिक भवन व तिखुर प्रोसेसिंग प्लांट तथा क्षेत्र के पहुंचविहीन ग्रामों को चरणबद्ध तरीके से पक्की सड़कों से जोड़ने की घोषणा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बड़ी मात्रा में तिखुर का उत्पादन होता है। इसके प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन के लिए भी प्लांट स्थापित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की सरकार है। सत्ता में आते ही दो घंटे के भीतर किसानों का कर्ज माफ करना एक ऐतिहासिक निर्णय है। हमारी सरकार आदिवासियों की हितैषी है। बस्तर के लोहांडीगुंडा में आदिवासियों की जमीन को वापस लौटाना इसका उदाहरण है। उन्होंने धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी, तेंदूपत्ता बोनस राशि में बढ़ोत्तरी, बिजली बिल हाफ करने का निर्णय, निरस्त वन अधिकार पत्रों की समीक्षा करने, 15 लघु वनोपज की खरीदी, एक परिवार को 35 किलो चावल वितरण आदि योजनाओं के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम को विधानसभा सिहावा की विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, केशकाल के विधायक श्री संतराम नेताम ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्रीमती अम्बिका मरकाम, श्री श्रवण मरकाम, गोंडवाना समाज के रामप्रसाद मरकाम, कुंदन साक्षी, गुलजार सिंह सहित 17 गोंडवाना उपक्षेत्र के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के सदस्य उपस्थित थे।