सफलता की कहानी,कोरोना से मृत आनंद राम के परिवार का राज्य सरकार बनी सहारा

रायपुर, 28 जुलाई 2021/ कोरोना ने कई परिवारों से उनके एक मात्र कमाने वाले सदस्य को छीन लिया। ऐसे में उन परिवारों के सामने रोजी-रोटी के साथ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, उनका भविष्य जैसे कई समस्याएं सामने आने लगीं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार पीड़ित परिवारों का सहारा बन कर उनकी परेशानियां दूर कर रही है। इन्हीं परिवारों में से एक सूरजपुर जिले के रामानुजनगर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मदनपुर के स्वर्गीय आनंद राम का परिवार है।
परिवार एक मात्र कमाने वाले सदस्य स्वर्गीय आनंद राम की मृत्यु कोरोना से हो जाने के बाद उनका परिवार आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा था। ऐसे में राज्य सरकार ने परिवार का सहारा बनकर उन्हें श्रम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजनान्तर्गत एक लाख रूपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा श्रद्धांजलि योजनान्तर्गत 2 हजार रूपए., समाज कल्याण विभाग द्वारा परिवार सहायता योजनान्तर्गत 20 हजार रूपए. इस प्रकार कुल 1 लाख 22 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। स्वर्गीय आनंद राम की पत्नी श्रीमती चंदा सिंह को अंशकालीन स्वीपर पद अनुकम्पा नियुक्ति और उनके दोनों बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत शासकीय स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मिडियम स्कूल, भूनेश्वरपुर में निःशुल्क शिक्षा हेतु दी जा रही है।                    
श्रीमती चंदा ने बताया कि उनके परिवार में पति आनंद राम और दो बच्चे थे। श्री आनंद राम शा. उ. मा. विद्यालय मदनपुर में अंशकालीन स्वीपर के पद पर कार्यरत थे और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कृषि कार्य भी करते थे। पिछले दो वर्षों से उनके पति कैंसर बीमारी से जूझ रहे थे। उनका उपचार डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल, रायपुर में चल रहा था। उपचार के दौरान श्री आनंद राम कोरोना से पीड़ित हो गए और दुर्भाग्यवश 16 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया। श्री आनंद राम के निधन होने के बाद उनके परिवार को आर्थिक तंगी और कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिवारजनों की सहायता के लिए कराए गए सर्वे में उनके परिवार को चिन्हांकित किया गया। जिसके बाद उनकी परेशानियां हल हो र्गइं।
 श्रीमती चंदा सिंह कहती हैं कि उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति मिलने और दोनों बच्चों को शासकीय स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मिडियम स्कूल निःशुल्क शिक्षण हेतु प्रवेश मिल जाने से उनकी बहुत बड़ी चिन्ता दूर हो गई है। विभागों द्वारा प्राप्त राशि से पति के उपचार हेतु लिया गया कर्ज चुकाया गया व दोनों बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बैंक में 25-25 हजार रूपए जमा किया गया है। श्रीमती चंदा ने उनके कठिन समय में सहारा बनने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।