ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की गणना में सीएम के बाद विधायक देवेंद्र यादव हुए शामिल

भिलाई। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की गणना का काम बुधवार से शुरू हो गया। राज्य की आबादी में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की गणना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘छत्तीसगढ़ क्वांटीफायबल डाटा कमीशन’ नामक एप व वेब पोर्टल की शुरुआत की। इस सूची में पहला नाम बघेल का दर्ज किया गया है। इसके बाद इस गणना में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने भी अपना नाम दर्ज करा लिया है। साथ ही गणना में शामिल होने के साथ ही दुर्ग-भिलाई सहित प्रदेश भर के ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इस गणना में शामिल होने की अपील की है। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने कहा है कि इस गणना की शुरूआत से अब पूरे प्रदेश में सामाजिक न्याय की प्रक्रिया पूरी होगी।

आगे विधायक श्री यादव ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी व हमारे राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सभी वर्गों के लोगों के लिए हर अवसर समान तरह से तैयार करना है। राज्य सरकार ने चार सितंबर 2019 को एक अध्यादेश के जरिए ओबीसी वर्ग के सिए आरक्षण के 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी।
आरक्षण को बढ़ाने के इस राज्य सरकार के इस फैसले को कुछ लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार इस आदेश पर स्थगन लगाते हुए गणना योग्य डाटा प्रस्तुत करने को कहा था। मुख्यमंत्री बघेल ने उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर क्वांटीफायबल डाटा कमीशन गठित किया गया है।

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आप ऐसे कर सकते हैं आवेदन
चिप्स का मोबाइल ऐप सीजीक्यूडीसी प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आवेदक को ऐप में पंजीयन करना होगा। इसके बाद नाम, पिता, वार्षिक आय जैसी अन्य जानकारी भरनी होगी। यह जानकारी तत्काल सपुरवाइजर के पास चली जाएगी। इसके बाद राशन कार्ड के जरिए इसका सत्यापन होगा।

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यह है सर्वे की टाइम लाइन
1 सितम्बर से 12 अक्टूबर तक- ऑनलाइन पंजीकरण, डाटा संग्रहण व सत्यापन का काम।
30 अक्टूबर तक- ग्राम व वार्डवार सूची का प्रकाशन।
16 नवम्बर तक- जारी सूची पर कर सकते हैं दावा-आपत्ति।
30 नवम्बर तक- दावा-आपत्तियों का निराकरण।
20 दिसम्बर तक- सभी ग्राम सभा और निकायों की एमआईसी से अनुमोदन।
31 दिसम्बर तक- निकायों और जनपद में डाटा एकत्र होगा।
14 जनवरी तक- जिलों में भेजा जाएगा डाटा।
29 जनवरी तक- नोडल अधिकारी आयोग को भेजेंगे डाटा

वर्जन

सामाजिक न्याय की प्रक्रिया पूर्ण होगी।

जो काम छत्तीसगढ़ बनने के साथ 2001 में ही हो जाना चाहिए था वह आज 2021 तक नहीं हो पाया था।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने समाजिक न्याय के प्रावधानों को अमलीजामा पहनाने का कार्य शुरु किया ।
राज्य की जनसंख्या में सभी वर्गी की गणना का कार्य शुरू किया गया है। जनसंख्या में आदिवासी और अनुसूचित जनजाति के लोगों की गणना, धर्म के आधार पर गणना के साथ साथ अब पिछड़ों और गरीबों की भी गिनती की जा रही है। ताकि हर वर्ग को उनका अधिकार वास्तविक आंकड़ों के आधार पर दिया जा सके। छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों को उनका अधिकार दिलाने के इस भागीरथी प्रयास के लिए भूपेश बघेल जी को धन्यवाद, उम्मीद है जल्द इन आंकड़ों के आधार पर सामाजिक न्याय की प्रक्रिया पूर्ण होगी।