बगुले की तपस्या की भांति भाजपा के धरने का ऐलान – चंद्रशेखर शुक्ला, अध्यक्ष-प्रदेश किसान कांग्रेस

किसानों के मुद्दे पर आखिर भाजपा विधायकों, सांसदों को कौन सा डर है कि, ये केन्द्र की चिट्ठी नही लिखते ?
रायपुर/10 सितंबर 2021। प्रदेश किसान कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि राज्य में 12.5 लाख मीट्रिक टन खाद का कोटा निर्धारित है, किन्तु अब तक सिर्फ 6.5 लाख मीट्रिक टन ही, प्राप्त हुआ है, जिसकी वजह से प्रदेश में खाद की कमी है। यह कमी भारतीय जनता पार्टी का षडयंत्र/साजिश है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ही, जिम्मेदार है, किन्तु वर्मी कम्पोस्ट से काफी सहारा मिला हुआ है।राज्य सरकार द्वारा मांगे गये लगभग 12.5 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों की समय पर आपूर्ति नही की जा रही है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से 3 लाख मीट्रिन टन अतिरिक्त उर्वरक की मांग की गयी थी, लेकिन केन्द्र ने कोई जवाब नही दिया। राज्य को सिर्फ 45 फीसदी ही, उर्वरक भेजा गया है, जबकि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों को आबंटित कोटे का 90 प्रतिशत दिया गया है।छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का प्रति क्विंटल 2500 रू. मिलता है तो, भाजपा नेताओं के पेट में दर्द होता है। धान खरीदने कि लिए जूट बोरा तक नही देते छत्तीसगढ़ के किसानों का धान, चावल एफसीआई नही खरीदती और भाजपा को धरना नही पश्चाताप करना चाहिए।भारतीय जनता पार्टी के नेता यह भी बताए  कि, 2015-16 में सूखे की स्थिति का नजरिया मूल्यांकन कब करावाया था ? और जो राहत का ऐलान किया था वह क्यों नही मिला ? उसके लिए कौन जिम्मेदार है ? और क्या उन लंबित घोषणाओं को केन्द्र की भाजपा सरकार पूर्ण करेगी ?किसानों की आय में बढ़ोत्तरी की बात झूठी साबित हुयी।कोरोनाकाल में केन्द्र सरकार के एक लाख करोड़ का किसानों के लिए राहत पैकेज का अता-पता नही। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में खाद की सब्सिडी में 54417 करोड़ की कटौती की है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के बदले तीन काले कृषि कानून लाकर किसानों के साथ धोखा किया, जिससे किसान व्यथित है। किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी, मुनाफाखोर कहकर भापजपा के लोगों ने अपमानित करने का काम किया है। भाजपा ने 15 साल में छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ किये गये छलः-सिर्फ छल ही छल भाजपा ने एक-एक दाना धान खरीदी, 5 हार्स पॉवर पम्पों के लिए मुफ्त बिजली, 2100 रू. धान का समर्थन मूल्य, 300 रू. बोनस, किसान आत्महत्याओं पर संवदेना शून्य बता रही भाजपा सरकार ने किसानों से किये वादा पूरा नहीं किया।