रायपुर ,छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार का ठीकरा राज्य के सांसदों के सर फूटा है। चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी ने सभी 10 सांसदों के टिकट काटने का फैसला किया है। छत्तीसगढ़ यूनिट ने नए प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए केन्द्रीय चुनाव समिति से एक दिन का समय मांगा था। पार्टी के इस फैसले के बाद नेताओं में बगावत के आसार हैं।
कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट न मिलने की स्थिति में छत्तीसगढ़ में भाजपा के मौजूदा सांसद पार्टी के खिलाफ जा सकते हैं। आज भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। सूची आने के बाद पता चलेगा कि किस सांसद का टिकट कटा है और किस नए चहरे पर पार्टी ने भरोसा किया है।
छतीसगढ़ प्रभारी भाजपा नेता अनिल जैन ने कहा था कि क्षेत्र से सांसदों के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके तहत ही पार्टी ने यह कड़ा फैसला लिया है। माना जा रहा है कि कुछ अन्य राज्यों में भी जहां सांसदों का प्रदर्शन औसत से कम रहा है, वहां पार्टी इसी तरह से कड़े फैसले ले रही है।
यूपी में पहले ही लगभग एक तिहाई नामों को काटे जाने की चर्चा चल रही है। मानक के रूप में पार्टी के अपने आंतरिक सर्वे, आईबी रिपोर्ट और आरएसएस के द्वारा किये गये सर्वे को आधार बताया जा रहा है। प्रत्याशियों का भाग्य निर्धारित करने के मामले में पीएम नमो एप्प से प्राप्त फीडबैक पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। जिस सांसद की रिपोर्ट नमो एप्प पर नकारात्मक आई है, उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है।
लोकसभा 2014 में 11 में से मिलीं 10 सीट
लोकसभा चुनाव 2014 भाजपा को छत्तीसगढ़ में जबरदस्त जीत मिली थी। पार्टी को राज्य की 11 सीटों में से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उसे केवल दुर्ग सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।
पीएम ले रहे हैं फैसला
भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय कार्यालय इस समय बेहद व्यस्त है। पार्टी के शीर्ष नेता लगातार उम्मीदवारों के नाम पर फैसला ले रहे हैं। बारी-बारी से सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों, महामंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ केन्द्रीय नेता बैठक कर रहे हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री स्वयं एक-एक सीट पर मंथन कर रहे हैं। नमो एप्प के जरिये जिन सांसदों के बारे में नकारात्मक रिपोर्ट आई है, उन्हें बारीकी से खंगाला जा रहा है।