समाधान तुंहर दुआर शिविर: दो दिनों में 73 ग्राम पंचायतों में मिले 1500 से अधिक आवेदन, फौती नामांतरण, नक्शा सुधार, ई-केवाईसी, आय प्रमाण पत्र, डिजिटल हस्ताक्षर जैसे मामलों के मौके पर हो रहे निराकरण

समाधान तुंहर दुआर शिविर: दो दिनों में 73 ग्राम पंचायतों में मिले 1500 से अधिक आवेदन, फौती नामांतरण, नक्शा सुधार, ई-केवाईसी, आय प्रमाण पत्र, डिजिटल हस्ताक्षर जैसे मामलों के मौके पर हो रहे निराकरण’’आवेदन मिलने में दूसरे दिन से ही शुरू निराकरण की कार्यवाही, आज 33 ग्राम पंचायतों में हुए शिविर’’ग्राम पंचायत सरडी शिविर स्थल निरीक्षण में पहुंचे अपर कलेक्टर’
कोरिया 28 मार्च 2022/जिले में पंचायत स्तर पर चल रहे समाधान तुंहर दुआर शिविर में राजस्व प्रकरणों के मौके पर निराकरण से ग्रामीण जनता को बेहद सहूलियत हो रही है। आवेदन प्राप्त होने के दूसरे दिन से ही प्रशासनिक टीम के द्वारा ग्रामीण सुविधाओं से जुड़े मामलों के निराकरण की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित इन शिविरों के निरीक्षण हेतु सोमवार को अपर कलेक्टर श्री सुखनाथ अहिरवार ने ग्राम पंचायत सरडी में शिविर में पहुंचकर ई- केवायसी की जानकारी ली एवं 15 दिन में सभी प्रकरणों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व निरीक्षक को नक्शा दुरुस्ती हेतु पटवारियों की टीम गठित कर समय पर कार्य पूर्ण कराने कहा एवं अभियान चलाकर कार्य करने हेतु निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान श्री अहिरवार ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए  समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने  राजस्व मामलों, फौती नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, बी-1 की प्रति, ऋण पुस्तिका, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, ई-केवायसी आदि से संबंधित आवेदन लेकर पहुंचे लोगों से संवाद किया।

’राशन कार्ड एवं वन भूमि पट्टा से संबंधित मामलों का शिविर स्थल पर ही हुआ निराकरण’
शिविर में राशन कार्ड का आवेदन लेकर आयीं मधुकुमारी एवं मोहेलाल द्वारा वन भूमि पट्टा से सम्बंधित आवेदन का शिविर स्थल पर ही निराकरण किया गया। 
’दो दिनों में 73 ग्राम पंचायतों के 1500 से अधिक आवेदकों ने किए आवेदन,आज 33 ग्राम पंचायतों में हुए शिविर’
25 मार्च से चलाए जा रहे समाधान तुंहर दुआर शिविर में मात्र दो दिनों में पहुँचे लोगों ने विभिन्न मामलों के 1 हजार 580 आवेदन किए। जिला प्रशासन द्वारा कई मामलों का निराकरण शिविर स्थल पर ही किया गया। आज पूरे जिले में 33 ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए गए हैं।