नई दिल्ली । ईरान से तेल खरीदने की छूट की समयसीमा न बढ़ाकर अमेरिका ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने सोमवार को एक अहम फैसला करते हुए ईरान पर तेल बेचने से पूरी तरह से रोक लगा दी है। ऐसे में भारत को तेल खरीदने के लिए दूसरे विकल्प तलाशने होंगे।
आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा पूर्व में दी गई छूट की अवधि 2 मई 2019 को खत्म हो रही है। अमेरिका और ईरान के बीच खराब संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। पिछले वर्ष मई में जब अमेरिका ने ईरान से पूर्व में हुई परमाणु डील खत्म की थी, तभी से लगातार दोनों देशों के संबंधों में गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिका के लिए यदि ईरान को साधना है तो उसके लिए भारत को उससे अलग करना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका ने यह काम आसानी से कर दिखाया है। इसके अलावा भारत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है।
अमेरिका ने इसका भी फायदा उठाने की कोशिश की है। दरअसल अमेरिका चाहता है कि भारत ईरान के बदले मसूद पर सौदा को हां कह दे। बहरलहाल, अमेरिका की समय सीमा खत्म होने में कुछ ही दिन शेष हैं ऐसे में भारत को जल्द फैसला लेना होगा।
आपको बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश वेनेजुएला से भी अमेरिका के संबंध लगातार खराब रहे हैं। वहीं ईरान भी इसी श्रेणी में आता है। अमेरिका ये भी चाहता है कि भारत उससे या सऊदी अरब से तेल खरीदे। इसमें उसको हर तरह से फायदा है।
ईरान से तेल नहीं खरीद पाने का असर भारत पर कई तरीके से पड़ेगा। एक तो भारत अपने एक विश्वसनीय तेल आपूर्तिकर्ता देश से हाथ धो बैठेगा, वहीं महंगा क्रूड खरीदने से देश के तेल आयात बिल में भी भारी इजाफा हो सकता है।