नई दिल्ली : नए एमिशन नोर्म्स के लागु होने के चलते अब भारत में मारुती और टाटा छोटी डीजल कारों की बिक्री नहीं करेगा .टाटा मोटर्स ने कहा कि ऊंची लागत के चलते छोटी गाड़ियों के लिए नए एमिशन नॉर्म्स के हिसाब से डीजल इंजन डिवेलप करना फायदेमंद नहीं होगा, क्योंकि उससे गाड़ियों के दाम बढ़ेंगे और उनकी डिमांड कम रहेगी। रेवेन्यू के हिसाब से इंडिया की सबसे बड़ी वीइकल कंपनी का यह बयान देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुती सुजुकी की तरफ से अप्रैल 2020 से डीजल गाड़ियों की बिक्री बंद करने के ऐलान के एक दिन बाद आया।
मारुति सुजुकी ने कहा था कि वह BS-VI एमिशन नॉर्म्स लागू होने के बाद डीजल गाड़ियों की बिक्री बंद करने का कदम उठाएगी, क्योंकि नए रेग्युलेशंस के हिसाब से डीजल इंजन को अपग्रेड करने में मोटी रकम खर्च होगी। हालांकि, देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी ह्यूंदै मोटर इंडिया के अलावा टोयोटा मोटर और फोर्ड मोटर की लोकल यूनिट्स का कहना है कि नए एमिशन नॉर्म्स के पालन से खर्च में बढ़ोतरी होने के बावजूद वे इंडिया में डीजल इंजन वाली गाड़ियां बेचती रहेंगी।
टाटा मोटर्स के पैसेंजर वीइकल बिजनस यूनिट के प्रेजिडेंट मयंक पारीक ने ईटी के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘BS-VI एमिशन नॉर्म्स के लागू होने से खासतौर पर छोटी डीजल गाड़ियों के मामले में कंप्लायंस महंगा हो जाएगा। हमें ऊंची कॉस्ट का बोझ आखिरकार एंड कस्टमर्स पर डालना होगा, इसलिए स्वाभाविक रूप से डीजल गाड़ियों की सेल में गिरावट आएगी। हमें लगता है कि एंट्री और मिड साइज के डीजल मॉडल की मांग कम रहने से कम कपैसिटी के इंजन के डिवेलपमेंट में आने वाली ऊंची लागत वाजिब नहीं होगी।’