वाराणसी : वाराणसी संसदीय सीट से एसपी-बीएसपी गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में पर्चा खारिज होने के बाद तेज बहादुर गुरुवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने बताया कि पहले निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के बाद जब घर गए पहुंचे तो वहां आए राजनीतिक लोगों ने बड़ा ऑफर दिया था।
ऑफर देने वालों का नाम उन्होंने बताने से इनकार करते हुए कहा कि वे शातिर लोग हैं। नाम खोलने पर उनकी हत्या कराई जा सकती है। नामांकन खारिज होने पर कहा कि पहले से ही आशंका थी कि पर्चा खारिज कराने के लिए बीजेपी सारे हथकंडे अपनाएगी। इसलिए ही मेरे साथ शालिनी यादव ने गठबंधन प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था।
इधर गठबंधन की प्रत्याशी शालिनी यादव ने गुरुवार को तेज बाहदुर को राखी बांध अपनी जीत का आशीर्वाद मांगा। तेज बहादुर ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन बहन नहीं थी। शालिनी के रूप में उन्हें बहन मिल गई है। तेज ने बोला कि बहन की जीत के लिए अपनी जान दांव पर लगा दूंगा।
तेज बहादुर के बयान से साफ हो गया है कि अब शालिनी यादव व तेज बहादुर मिल कर चुनाव प्रचार करेंगे। उधर, शालिनी यादव ने राखी बांधने के बाद कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़े सौभाग्य का है। यह रिश्ता राजनीति से परे आजीवन रहेगा।
बता दें कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ से बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर जवाब देने को कहा गया था। नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी।