जब कोरिया जिले के तीनों विधायकों को नहीं मिला ध्वजारोहण का मौका

राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त एवं संसदीय सचिव होने के बावजूद भी तीनों विधायक ध्वजारोहण से रहे वंचित

कोरिया: आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है आपको बता दें कि स्वतंत्रता के 75 में वर्षगांठ को आज पूरा देश हर्ष उल्लास के साथ घर-घर तिरंगा अभियान के तहत अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है वही आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के कोरिया जिला अंतर्गत आने वाले विधानसभा बैकुंठपुर, संसदीय सचिव एवं विधायक अंबिका सिंह देव, मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक डॉ विनय जायसवाल, भरतपुर जनकपुर विधानसभा के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त विधायक गुलाब कमरों जिले के ऐसे तीन धुरंधर विधायक जो कि राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होने के साथ संसदीय सचिव होने के बावजूद भी इस अमृत महोत्सव और 75 वे तथा दिवस के स्वर्णिम अवसर पर ध्वजारोहण का सौभाग्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने नहीं दिया वही इस बात की चर्चा तीनों विधानसभा में तेजी के साथ चल रही है कि आखिर कोरिया जिले के तीनों विधानसभा के विधायकों को प्रदेश के किसी भी जिले में ध्वजारोहण करने का अवसर क्यों नहीं मिला यह सोचने वाली बात है और चिंता करने वाली बात है क्या छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल कोरिया जिले के तीनों विधायक एवं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किए संसदीय सचिव होने के बावजूद भी इस 15 अगस्त के स्वर्णिम अवसर पर ध्वजारोहण का अवसर क्यों नहीं दिया गया वही लोगों से बात करने पर आम जनता भी इसी पचोपेश में फंसी हुई है की कोरिया जिले के तीनों विधायकों को प्रदेश के किसी अन्य जिलों में ध्वजारोहण का अवसर प्रदेश के मुखिया ने आखिर क्यों नहीं दिया वही आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में यदि कोरिया जिले की बात की जाए तो तीनों विधानसभा के विधायक डॉ विनय जायसवाल, अंबिका सिंहदेव, गुलाब कमरों तीनों विधायकों को स्वतंत्रता दिवस के 75 वें वर्षगांठ के स्वर्णिम अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसी भी जिले में ध्वजारोहण करने का सौभाग्य नहीं दिया प्रदेश के मुखिया ने जो कि कहीं ना कहीं तीनों विधायकों केक कार्यप्रणाली और उनकी काबिलियत पर शंका के बादल छाए हुए हैं कि आखिर राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किए विधायक संसदीय सचिव होने के बाद भी विधायक को क्यों नहीं प्रदेश के किसी भी जिले में ध्वजारोहण करने का अवसर क्यों नहीं दिया गया यह चिंतनीय विषय बना है