भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के आधार पर कांग्रेस को उम्मीद है कि 2014 में जिन दलित बहुल चार सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी, वहां वह अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। हालांकि इस क्षेत्र में बीएसपी भी अपनी ताकत दिखा रही है। कांग्रेस को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चार (भिंड, टीकमगढ़, देवास और उज्जैन) लोकसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव के दौरान अच्छी बढ़त मिली थी।
कांग्रेस यहां के 32 विधानसभा क्षेत्रों में से 17 में जीतने में कामयाब रही थी। इन चारों सीटों पर मौजूदा सांसद बीजेपी से हैं। वहीं, बीजेपी इन चारों लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सिर्फ 13 विधानसभा सीटों पर पिछले साल जीत दर्ज कर पाई थी लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि वह इस चुनाव में वापसी करेगी।
उधर, विधानसभा चुनाव में यहां बाकी बची दो सीटों में से एक पर एसपी और एक पर बीएसपी के उम्मीदवार की जीत हुई थी। राज्य में बीएसपी भले ही कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रही हो, लेकिन वह गुना में हुए घटनाक्रम से खुश नहीं है। दरअसल, गुना से बीएसपी ने लोकेद्र सिंह राजपूत को टिकट दिया था लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्होंने अपना समर्थन यहां से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे दिया।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। विधानसभा में वोटों के लिहाज से देखें तो तीन लोकसभा क्षेत्रों- भिंड, देवास और उज्जैन में कांग्रेस के समर्थन में ज्यादा मत पड़े थे लेकिन टीकमगढ़ में बीजेपी आगे थी।