रायपुर-पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में शांति मार्च निकालने को कांग्रेस ने भाजपा की नई नौटंकी बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक क्षेत्रीय दल के साथ विवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ और देश के अन्य राज्यों में शांति मार्च निकाल कर भाजपा झूठी संवेदना बटोरने का असफल प्रयास कर रही है। जिस दल के ऊपर देश में सर्वाधिक दंगे करवाने के आरोप लगते रहे हो, जिनके राज में देश की गंगा जमुनी संस्कृति पर लगातार प्रहार होते रहा हो, उस दल के लोग कौन सी नैतिकता से शांति मार्च निकाल रहे है? प्रजातंत्र में दंगे, फसाद जैसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। पश्चिम बंगाल की स्थिति को अप्रिय बनाने का दोष भारतीय जनता पार्टी के माथे पर है। बंगाल में रैली के पहले और रैली के दौरान भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर वहां के माहौल को खराब करने का काम किया था। छः चरणों के चुनाव के बाद सत्ता हाथ से निकलती देखकर भाजपा के नेता बौखला गये है। भाजपा को इस बात का एहसास हो गया है कि देश की जनता के बीच मोदी के चेहरे को नकार दिया है और भाजपा की करारी हार होने जा रही है। ऐसे में भाजपा के नेता निरंतर आम सभाओं के माध्यम से आम जनता को भड़काने वाले शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे जनमानस में भाजपा और मोदी के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है उसी की परिणीति है, पश्चिम बंगाल की घटना भारतीय जनता पार्टी को लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा ही नहीं है। यही वजह है 60 महीने तक मोदी की सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं के स्वायत्तता पर हमला करने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जेबी संगठन बनाना चाहती है। चुनाव आयोग के काम और निर्देश जब भाजपा के लिये सुविधाजनक होता है तब भाजपा की नजर में वह निष्पक्ष नजर आता है लेकिन जब कोई निर्णय उसे असुविधाजनक लगता है तो वह चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा करने लगती है। देश के 22 विपक्षी दल जब ईवीएम और वीवीपैट की गणना के मिलान की मांग करते हैं तब भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के साथ खड़ी नजर आती है। आज पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी पर गलत कार्यवाही करवाने के लिये भाजपा चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर अनुचित दबाव बनाने का प्रयास कर रही है।