रायपुर– भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसानों को वस्तुस्थिति जानने के लिये जांच कमेटी बनाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिनके राज में किसानों के साथ धोखाधड़ी और ठगी हुई वे लोग अपनी नाकामियों को छुपाने अब जांच कमेटी बनाने की नौटंकी कर रहे है। रमन राज में किसानों के साथ किये गये धोखे और ठगी का प्रायश्चित का दिखावा करने भाजपा जांच का ढोंग रच रही है। जब कुछ करने की स्थिति में थे तब तो कुछ किया नहीं सिवाय धोखा और वायदा खिलाफी के। किसानों से ठगी के जितने भी प्रकरण सामने आ रहे है वह सभी रमन सरकार के 15 सालों के है। उनकी वसूली प्रक्रिया भी अदालतों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय से चल रही है। बस्तर के किसानों ही नहीं भाजपा को प्रदेश भर के लिये अलग-अलग कमेटियां बना कर जांच करवानी चाहिये कि 15 सालों में प्रदेश के कुल कितने किसान भाजपा के राज में ठगी के शिकार हुये थे। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में किसानों को ड्रिप एरीगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम और शेड आदि के नाम पर ठगी और फर्जी लोन का एक बड़ा षड़यंत्र चल रहा था। तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के लोगों का संरक्षण इन ठगों को मिला हुआ था। किसानों की जानकारियों के बिना उनके नाम से लाखों रू. का ऋण बैंको से निकाल लिया गया, किसानों को बताया जाता था कुछ हजार रू. का लोन है वह भी सब्सिडी में समायोजित हो जायेगा। किसानों के हाथ में थोड़ी राशि देकर दलाल और कमीशनखोर लाखों रू. हड़प जाते थे। किसान को असली ऋण राशि की जानकारी बैंकों के नोटिस के बाद मिलती थी।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज किसानों के लिये घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा किसानों की इतनी ही हमदर्द होती तो उसके राज में 14,000 से अधिक किसानों को आत्महत्या करने नौबत नहीं आती। भाजपा ने वायदा करके किसानों को धान का बोनस नहीं दिया था। धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने का वायदा 2013 के विधानसभा चुनाव में और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने किया था लेकिन नहीं दिया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य की भूपेश सरकार ने किसानों का सभी अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया। छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी पूरे देश में सबसे ज्यादा 2500 रू. प्रतिक्विंटल में की गयी। बस्तर में टाटा संयत्र की जमीने किसानों को वापस कर दी गयी, किसानों का सिंचाई कर माफ कर दिया गया, किसानों की 5 डिसमिल से कम जमीनों की रोकी गयी रजिस्ट्रियों को शुरू करवा दिया गया। भूपेश बघेल की सरकार के किसानों के हित में लिये गये इन निर्णयों से भाजपा विचलित हो गयी है। उसे अपनी राजनैतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है। घड़ियाली आँसू बहाने के बजाये भाजपा अपने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से पूछे उनकी सरकार किसानों के साथ धोखाघड़ी करने वालों को क्यों संरक्षण देती थी?