गौ हत्या के महापाप से मुक्त नहीं हो सकती भाजपा

रायपुर/23 मई 2023। पूर्व रमन सरकार के दौरान हुये 4400 करोड़ का शराब घोटाला, 1677.67 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला, सरकारी जमीन पर बंदरबाट करने वाले पर कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर बताये रमन सरकार के दौरान गौशाला के नाम से जो अरबो का घोटाला और हजारों एकड़ सरकारी जमीनो का बंदरबाट एवं हजारों गायों निमर्म हत्या हुई एवं 4400 करोड़ के शराब घोटाला के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी तो भाजपा न्यायालय जाकर जांच तो नही रुकवायेंगे? क्योंकि इसके पहले 36 हजार करोड़ के नान घोटाला और झीरम घाटी नक्सली षड्यंत्र हत्याकांड के आरोपी को बचाने भाजपा नेता धरमलाल कौशिक न्यायालय में जांच रुकवाने स्टे लाये जिसके कारण जांच बन्द हुई और आरोपियों को लाभ मिला।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की भाजपा नेता कुछ भी बयानबाजी कर ले लेकिन गौ हत्या के महापाप से मुक्त नहीं हो सकते। 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल में प्रदेश में 17000 से अधिक गोवंशओं की निर्मम हत्या हुई है भूख से मौत हुई है दवा नही मिलने और सही समय पर उपचार नहीं होने से मौत हुई है और यह सब रमन सरकार के कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के कारण हुआ है। गौमाता भूख से मर रही थी और भाजपा के नेता अपने गौशाला में गौमाता के अनुदान को डकार रहे थे। गौ माता के नाम से अरबों रुपए का भ्रष्टाचार रमन सरकार में हुआ सरकारी जमीनों का बंदरबांट हुआ लेकिन गौमाता को उसका लाभ नहीं मिल पाया गौ माता के नाम से भाजपा और संघ के नेता ही फलते फूलते रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि हमारे पुरखों ने गोवंश, पशुधन के लिये चारा पानी के लिए सैकड़ों एकड़ जमीन चारागाह के लिए दान दी थी चारागाह के लिए जमीन छोड़ी थी। 15 साल के रमन सरकार के दौरान उन चारागाह के जमीनों पर भाजपा और संघ के नेता कब्जा करके बड़े-बड़े बिल्डिंग बना लिए निजी उपयोग कर रहे और रमन सरकार में मोटी रकम लेकर कुछ बड़े उद्योगपतियों को भी सरकारी चारागाह जमीन को दे दिया गया। जिसका दुष्परिणाम है कि गोधन और पशुधन को चारा पानी के संकट से जूझना पड़ रहा था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने ग्रामीण व्यवस्थाओं के अनुरूप गौठान बनाया है इससे प्रदेश के हर गांव में जहां गौठान है वहां चारागाह की जमीन सुरक्षित हुई है प्रदेश में हजारों हेक्टयर जमीन पशुधन के चारागाह के लिये सुरक्षित हुआ है गौठान बनने से किसान भी अब पशुधन की देखभाल कर रहे हैं खरीफ फसल के दौरान पशुधन को खुला नहीं छोड़ा जाता है गोठनो में लाकर उन्हें बांधा जाता है गोठान बनने से पशु पालक और किसानों के बीच फसल चरने को लेकर होने वाला विवाद भी खत्म हुआ है। किसानों को खेतों की रखवाली के झंझट से मुक्ति मिली है पशुओं का इधर-उधर भटकना बंद हुआ है पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी भारी कमी आई है यह सब गौठान योजना के कारण संभव हुआ है।